Uttar Pradesh : योगी कैबिनेट बैठक में 20 प्रस्तावों पर लगी मुहर, अयोध्या में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय बनेगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह लोकभवन, लखनऊ में हुई राज्य मंत्रिमंडल बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में कुल 21 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह लोकभवन, लखनऊ में हुई राज्य मंत्रिमंडल बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में कुल 21 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में खेलकूद, पर्यटन, वित्त, स्वास्थ्य, आवास, नगर विकास, पर्यावरण, जलवायु, कारागार, गन्ना विकास और लोक निर्माण विभाग से जुड़े अहम एजेंडे शामिल थे। बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने विस्तृत एजेंडा जारी किया।
मंजूर हुए ये प्रमुख प्रस्ताव
- अयोध्या में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण और संचालन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। बता दें कि पहले टाटा एंड सन्स को 25 एकड़ जमीन दी गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 52.102 एकड़ नजूल भूमि किया गया है।
- कानपुर में अमृत पेयजल योजना के द्वितीय फेज के वित्तीय पोषण को मंजूरी दी गई।
- बरेली में अमृत-2.0 योजना के तहत वित्तीय सहायता से संबंधित प्रस्ताव भी पास हुआ।
- सिविल लाइंस, कानपुर स्थित जार्जिना मेकराबर्ट मेमोरियल हॉस्पिटल की 45,000 वर्ग मीटर नजूल भूमि को मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने के लिए कानपुर विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली।
- वाराणसी के डॉक्टर संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम (सिगरा) को हाई-लेवल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित करने के एमओयू को मंजूरी दी गई।
- राज्य के हर मंडल मुख्यालय पर दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
- पल्प एंड पेपर्स लिमिटेड शाहजहांपुर और वृंदावन एग्रो मथुरा को 2017 की औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव पास हुआ।
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के घाघरा पुल के नुकसान हुए हिस्से की स्थायी मरम्मत व सुरक्षात्मक कार्य के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
- औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 और अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इम्पावर्ड कमेटी की सिफारिशों को स्वीकृति दी गई।
- इन्टीग्रेटेड टाउनशिप नीति 2005 व 2014 के तहत निष्क्रिय परियोजनाओं को निरस्त करने और सक्रिय परियोजनाओं की अवधि बढ़ाने के लिए नई नीति बनाई जाएगी।
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