उत्तराखंड में UCC लागू करने को तैयार धामी सरकार, नियम तोड़े तो एक लाख जुर्माना और तीन साल की सजा !
उत्तराखंड में यूसीसी जल्द लागू होने वाला है. इसको लेकर लगभग पूरी तैयारी भी हो चुकी है. 9 मेंबर की एक्सपर्ट कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी दी है जिसके बाद खबर है कि उत्तराखंड की धामी सरकार 9 नवंबर तक इसे पूरे राज्य में लागू कर सकती है. बता दें कि इसमें ब्रेकअप या तलाक की अवधि में दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन हिंसा के साथ ही एक से अधिक विवाह को सजा की कैटेगरी में रखा गया है. ऐसे में क्या है सभी नियम चलिए आपको बताते हैं.
उत्तराखंड में यूसीसी जल्द लागू होने वाला है. इसको लेकर लगभग पूरी तैयारी भी हो चुकी है. 9 मेंबर की एक्सपर्ट कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी दी है जिसके बाद खबर है कि उत्तराखंड की धामी सरकार 9 नवंबर यानी राज्य स्थापना दिवस तक देवभूमि उत्तराखंड में यूसीसी लागू कर सकती है. बता दें कि इसमें ब्रेकअप या तलाक की अवधि में दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन हिंसा के साथ ही एक से अधिक विवाह को सजा की कैटेगरी में रखा गया है. ऐसे में क्या है सभी नियम चलिए आपको बताते हैं.
30 दिनों के अंदर लिव-इन का रजिस्ट्रेशन जरूरी
उत्तराखंड में यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के 30 दिनों के भीतर लिव-इन रिलेशनशिप की रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो जाएगाा. यूसीसी पर बनी 9 मेंबर कमेटी ने सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है. बता दें कि इस रिपोर्ट के मुताबिक यूसीसी के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन, लिव-इन रिलेशनशिप, तलाक से संबंधित गलत या झूठी सूचना देने पर कार्रवाई का प्रावधान सख्त किया गया हैं. सूचनाएं झूठी पाई जाने पर तीन से छह महीने की जेल, 25 हजार रुपये जुर्माना या दोनों भुगतने पड़ सकते हैं. हालांकि, अभी इस रिपोर्ट को न्याय विभाग से होते हुए कैबिनेट के सामने भी जाना है.
एक से अधिक शादी पर मिलेगी सजा
यूसीसी की रिपोर्ट में ब्रेकअप या तलाक की अवधि में दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन हिंसा के साथ ही एक से अधिक विवाह को सजा की कैटेगरी में रखा गया है. आर्थिक सजा की राशि 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक और छह महीने से साढ़े तीन साल तक जेल की सजा देने के प्रावधान रखे गए हैं. 21 साल से ऊपर के लोगों की जानकारी को गुप्त रखा जाएगा, लेकिन इससे कम उम्र के लोगों के पैरेंट्स से जानकारी शेयर की जाएगी.
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