कैश कांड में मुख्य आरोपी पूर्व जज निर्मल यादव 17 साल बाद हुईं बरी
यह मामला 2008 में शुरू हुआ था, जब 15 लाख रुपये की नकदी गलती से न्यायाधीश निर्मलजीत कौर के घर पहुंच गई थी।

पूर्व महिला जज निर्मल यादव को 17 साल पुराने कैश कांड में चंडीगढ़ की विशेष सीबीआई अदालत ने बरी कर दिया है। यह फैसला 29 मार्च 2025 को सुनाया गया, जिसमें अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपने आरोपों को साबित करने में असफल रहा।
यह मामला 2008 में शुरू हुआ था, जब 15 लाख रुपये की नकदी गलती से न्यायाधीश निर्मलजीत कौर के घर पहुंच गई थी। जांच में पता चला कि यह राशि वास्तव में न्यायाधीश निर्मल यादव को एक संपत्ति विवाद में अनुकूल फैसला देने के लिए भेजा गया था। इस मामले में जस्टिस यादव के खिलाफ कई बार आरोप लगाए गए, लेकिन समय के साथ कई गवाह अपने बयान से पलट गए और कुछ की मृत्यु हो गई।
इस मामले की जांच सीबीआई ने की, लंबे समय तक चले इस कानूनी विवाद के बाद अदालत ने उन्हें बरी कर दिया, जिससे यह मामला समाप्त हो गया।
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