जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक ने लद्दाख के जमीनी हालात को उजागर करने के लिए ‘बॉर्डर मार्च’ की घोषणा की

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने बुधवार को घोषणा की कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन तेज किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने चीन द्वारा कथित अतिक्रमण सहित लद्दाख की जमीनी हकीकत को उजागर करने के लिए केंद्रशासित प्रदेश के पूर्वी हिस्से में सात अप्रैल को ‘बॉर्डर मार्च’ निकालने की घोषणा की।

लेह स्थित ‘एपेक्स बॉडी’ के सदस्य वांगचुक ने कहा कि वे अपने आंदोलन में गांधीवादी दृष्टिकोण अपना रहे हैं, जो क्षेत्र के संवेदनशील पर्यावरण और इसकी आबादी के मौलिक चरित्र की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इस निकाय में सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठन शामिल हैं।

उन्होंने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम (महात्मा) गांधी के सत्याग्रह के अनुयायी हैं। हम इस (भाजपा) सरकार द्वारा अपने घोषणापत्र के माध्यम से किए गए वादों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं, जिसके कारण इसके उम्मीदवारों को संसदीय चुनाव (2019 में) और लेह में पहाड़ी परिषद चुनावों (2020) में जीत मिली।’’

कार्यकर्ता ने लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 21 दिन से जारी अपना अनशन मंगलवार को समाप्त कर दिया था।

सोनम वांगचुक क्यों हैं 13 दिन से अनशन पर, क्या हैं मांगे?

मैग्‍सेसे पुरस्‍कार विजेता और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक पिछले 13 दिनों से सत्‍याग्रह पर बैठे हैं। उनका कहना है कि लद्दाख के लोग नाराज हैं और चाहते हैं कि केंद्र सरकार अपने वादे निभाए जो उसने एक बार नहीं बल्कि 2 बार किए हैं। उन्होंने एक वीडियो शेयर किया और बताया कि कैसे 250 लोग उनके… Continue reading सोनम वांगचुक क्यों हैं 13 दिन से अनशन पर, क्या हैं मांगे?