मैग्सेसे पुरस्कार विजेता और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक पिछले 13 दिनों से सत्याग्रह पर बैठे हैं। उनका कहना है कि लद्दाख के लोग नाराज हैं और चाहते हैं कि केंद्र सरकार अपने वादे निभाए जो उसने एक बार नहीं बल्कि 2 बार किए हैं।
उन्होंने एक वीडियो शेयर किया और बताया कि कैसे 250 लोग उनके समर्थन में रात को भूखे सोए। वांगचुक लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं, जो प्रदेश के स्थानीय लोगों को आदिवासी इलाके में एडमिनिस्ट्रेशन का अधिकार देगा।
सोनम वांगचुक ने कहा कि जब विविधता में एकता की बात आती है तो छठी अनुसूची भारत की उदारता का प्रमाण है। यह महान राष्ट्र न सिर्फ विविधता को सहन करता है बल्कि उसे प्रोत्साहित भी करता है।
वांगचुक ने कहा कि यह साफ है कि सरकार को हमारी नहीं, चुनाव की फिक्र है। हम 24 मार्च को पूरे देश में भी अनशन करने जा रहे हैं।