पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबली की 21 सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान शुरू

पाकिस्तान में कड़ी सुरक्षा के बीच नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबली की 21 सीट पर उपचुनाव के लिए रविवार को मतदान शुरू हो गया। इस दौरान पंजाब और बलूचिस्तान प्रांत के चुनिंदा जिलों में मोबाइल तथा इंटरनेट सेवा निलंबित है।

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के मुताबिक, सुबह आठ बजे से शुरू हुआ मतदान शाम पांच बजे तक जारी रहेगा। मतदान की आधिकारिक समय अवधि खत्म होने के बाद उन्हीं मतदाताओं को वोट डालने की अनुमति दी जाएगी जो समय समाप्ति के दौरान केंद्र में मौजूद होंगे।

नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय असेंबली के लिए पाकिस्तान में आठ फरवरी को चुनाव हुआ था।

हालांकि, नेशनल असेंबली की एक सीट और पंजाब असेंबली की दो तथा खैबर-पख्तूनख्वा असेंबली की एक सीट के लिए मतदान रद्द कर दिया गया था।

इनके अलावा, एक से अधिक सीट जीतने वाले उम्मीदवारों ने चुनाव के बाद केवल एक सीट को ही चुना, जिसके कारण पाकिस्तान निर्वाचन आयोग को 21 सीट पर उपचुनाव कराना पड़ रहा है। इनमें नेशनल असेंबली की पांच और प्रांतीय असेंबली की 16 सीट शामिल हैं।

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के अनुरोध पर एक दिन पहले सरकार ने उपचुनाव के दौरान पंजाब और बलूचिस्तान प्रांत के चुनिंदा जिलों में मोबाइल फोन सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की थी।

पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में नेशनल असेंबली की दो-दो सीट और सिंध में एक सीट पर उपचुनाव हो रहा है, जबकि पंजाब की प्रांतीय असेंबली की 12 और खैबर-पख्तूनख्वा तथा बलूचिस्तान प्रांत की दो-दो सीट पर मतदान हो रहा है।

पंजाब में नेशनल असेंबली-132 (कसूर) और नेशनल असेंबली-119 (लाहौर) को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तथा मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने रिक्त कर दिया था, जबकि शहबाज ने लाहौर में प्रांतीय असेंबली की दो सीट छोड़ दी थीं।

प्रधानमंत्री ने नेशनल असेंबली में अपनी नेशनल असेंबली-123 सीट बरकरार रखी।

उपचुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना के जवानों की तैनाती के साथ अधिकारियों द्वारा कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

एक और ‘ढाका त्रासदी’ होने की आशंका : इमरान खान

FILE PHOTO: Pakistan's former Prime Minister Imran Khan, gestures as he speaks to the members of the media at his residence in Lahore, Pakistan May 18, 2023. REUTERS/Mohsin Raza

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और 1971 की ढाका त्रासदी की परिस्थितियों के बीच तुलना की और आगाह किया कि नकदी संकट से जूझ रहे देश में मौजूदा हालात के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था ठप पड़ सकती है।

समाचार पत्र ‘डॉन’ ने अपनी एक खबर में बताया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक अध्यक्ष खान ने रावलपिंडी की अदियाला जेल से एक संदेश में मौजूदा सरकार को याद दिलाया कि ‘‘देश और संस्थान स्थिर अर्थव्यवस्था के बिना नहीं बच सकते।’’

पीटीआई के केंद्रीय सूचना सचिव रऊफ हसन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खान का संदेश मीडिया को सुनाया। पार्टी की कानूनी टीम ने बुधवार को जेल में 71 वर्षीय नेता से मुलाकात की थी।

बैरिस्टर रज़ा ने मीडिया को बताया कि खान अपने निश्चय में दृढ़ लेकिन देश और जनता के प्रति चिंतित नजर आए।

रज़ा ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री का संदेश सुनाया,‘‘ जब आप जनता को अधिकार नहीं देते तब आप यह नहीं कह सकते कि अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी।’’

उन्होंने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा,‘‘1970 में सेना प्रमुख याह्या खान त्रिशंकु संसद चाहते थे लेकिन जब शेख मुजीबुर रहमान की पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला तो सेना ने धोखाधड़ी से उपचुनाव कराया, जिसमें अवामी लीग की 80 सीटें छीन ली गईं क्योंकि याह्या खान राष्ट्रपति बनना चाहते थे।’’

खान ने अपने संदेश में कहा, ‘‘मैं हमूदुर रहमान आयोग की रिपोर्ट की याद दिलाना चाहता हूं कि हम फिर से वही गलतियां दोहराने जा रहे हैं जो हमने अतीत में की थीं। 1970 में ‘लंदन प्लान’ था और आज फिर से ‘लंदन प्लान’ के जरिए एक सरकारी थोपी गई है।’’

खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने लगातार कहा है कि आठ फरवरी के आम चुनावों के नतीजे में धांधली हुई थी और पाकिस्तान सेना ने सत्ता संभालने के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का साथ दिया है।

इमरान खान की पार्टी को कानून के तहत अपनी रैली आयोजित करने दिया जाये: उच्च न्यायालय

पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की इस्लामाबाद में एक रैली आयोजित करने के अनुरोध संबंधी याचिका स्वीकार कर ली और अधिकारियों को आदेश दिया कि पार्टी को कानून के तहत अपनी रैली आयोजित करने दें।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने ‘पीटीआई’ की याचिका पर सुनवाई की और यह आदेश पारित किया।

पार्टी शुरू में 23 या 30 मार्च को रैली आयोजित करना चाहती थी लेकिन उसने इसे छह अप्रैल के लिए पुनर्निर्धारित कर दिया।

सुरक्षा कारणों से राजधानी जिला प्रशासन द्वारा रैली की अनुमति देने से इनकार करने के बाद पार्टी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने दलीलें सुनने के बाद ‘पीटीआई’ को राहत प्रदान की।

‘पीटीआई’ के वकील शेर अफजल मारवत ने कहा कि पार्टी छह अप्रैल को एक रैली आयोजित करना चाहती थी, जिस पर न्यायमूर्ति फारूक ने कहा कि पार्टी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रैली के दौरान ‘‘कोई दंगा न हो’’।

मारवत ने अदालत को आश्वासन दिया, ‘‘हम तैयार हैं और सभी शर्तें स्वीकार करेंगे।’’

पाकिस्तान में आठ फरवरी के आम चुनावों के बाद ‘पीटीआई’ की यह पहली बड़ी राजनीतिक सभा होगी।

‘पीटीआई’ ने आरोप लगाया था कि चुनावों में धांधली हुई है।

पाकिस्तान ने संरा सुरक्षा परिषद की गैर स्थायी सीट के लिए कवायद शुरू की

पाकिस्तान ने 2025 से 2026 तक दो साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक गैर-स्थायी सीट हासिल करने के लिए कवायद शुरू कर दी है। यह जानकारी शनिवार को मीडिया की एक खबर से मिली।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ समाचारपत्र की खबर के अनुसार पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सुरक्षा परिषद के उद्देश्य में’’ सार्थक योगदान देने का वादा किया है।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत मुनीर अकरम ने बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान दिवस समारोह के सिलसिले में आयोजित एक स्वागत समारोह में नकदी संकट से जूझ रहे देश की उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा की।

अकरम ने “अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए यूएनएससी के उद्देश्य में सार्थक योगदान देने” की पाकिस्तान की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी मिशन में आयोजित इस स्वागत समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस, संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशन के शीर्ष राजनयिक और अन्य लोग शामिल हुए।

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में विस्फोटों में 25 लोगों की मौत

पहली घटना में, पिशिन जिले में निर्दलीय उम्मीदवार असफंदयार खान काकड़ के कार्यालय के बाहर एक भीषण विस्फोट में 17 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए।

एक घंटे से भी कम समय के बाद, किला अब्दुल्ला क्षेत्र में जमीयत उलेमा इस्लाम (जेयूआई) के चुनाव कार्यालय के बाहर एक और बम विस्फोट हुआ, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई और 12 अन्य घायल हो गए।

बलूचिस्तान के पंजगुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अब्दुल्ला जहरी ने बताया कि उम्मीदवार असफंदयार खान काकड़ के चुनाव कार्यालय के बाहर एक बैग में बम रखा गया था जिसमें ‘टाइमर’ लगा था। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ घायलों की हालत गंभीर है और उन्हें इलाज के लिए क्वेटा ले जाया गया है।’’

उन्होंने कहा कि विस्फोट में हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।

जहरी ने कहा, ‘‘आतंकवादी लोगों को मतदान केंद्रों पर जाने से रोकने के लिए उम्मीदवारों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन चुनाव तय समय पर हो यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है।’’

स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, किला अब्दुल्ला क्षेत्र में जेयूआई उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय में विस्फोट होने से भारी क्षति हुई।

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने दो विस्फोटों की पुष्टि की और कहा कि बृहस्पतिवार को होने वाले चुनाव के लिए प्रांत में सुरक्षा और बढ़ा दी गई है।

ईसीपी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इन आतंकी हमलों के अपराधियों को पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

बलूचिस्तान के गृह मंत्री जान अचकजई ने हमलों की निंदा की और कहा कि चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार होंगे।

पाकिस्तान में आम चुनाव से एक दिन पहले बुधवार को बलूचिस्तान प्रांत में चुनाव कार्यालयों को निशाना बनाकर किए गए दो बम विस्फोटों में कम से कम 25 लोग मारे गए और 42 अन्य घायल हो गए।

पहली घटना में, पिशिन जिले में निर्दलीय उम्मीदवार असफंदयार खान काकड़ के कार्यालय के बाहर एक भीषण विस्फोट में 17 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए।

एक घंटे से भी कम समय के बाद, किला अब्दुल्ला क्षेत्र में जमीयत उलेमा इस्लाम (जेयूआई) के चुनाव कार्यालय के बाहर एक और बम विस्फोट हुआ, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई और 12 अन्य घायल हो गए।

बलूचिस्तान के पंजगुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अब्दुल्ला जहरी ने बताया कि उम्मीदवार असफंदयार खान काकड़ के चुनाव कार्यालय के बाहर एक बैग में बम रखा गया था जिसमें ‘टाइमर’ लगा था। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ घायलों की हालत गंभीर है और उन्हें इलाज के लिए क्वेटा ले जाया गया है।’’

उन्होंने कहा कि विस्फोट में हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।

जहरी ने कहा, ‘‘आतंकवादी लोगों को मतदान केंद्रों पर जाने से रोकने के लिए उम्मीदवारों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन चुनाव तय समय पर हो यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है।’’

स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, किला अब्दुल्ला क्षेत्र में जेयूआई उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय में विस्फोट होने से भारी क्षति हुई।

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने दो विस्फोटों की पुष्टि की और कहा कि बृहस्पतिवार को होने वाले चुनाव के लिए प्रांत में सुरक्षा और बढ़ा दी गई है।

ईसीपी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इन आतंकी हमलों के अपराधियों को पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

बलूचिस्तान के गृह मंत्री जान अचकजई ने हमलों की निंदा की और कहा कि चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार होंगे।

पाकिस्तान: इमरान खान और दो अन्य के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई स्थगित

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने अवमानना मामले में सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य आरोपियों के पेश नहीं होने के बाद सुनवाई छह दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

आयोग की चार सदस्यीय समिति ने ईसीपी प्रमुख के अपमान के मामले की सुनवाई की।

आरोपियों में खान के अलावा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के पूर्व नेता और संघीय मंत्री असद उमर व फवाद चौधरी शामिल हैं। सोमवार को सुनवाई के दौरान इन सभी पर आरोप तय किए जाने थे। हालांकि, वकीलों की दलीलें सुनने के बाद ईसीपी अधिकरण ने सुनवाई छह दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गोपनीय राजनयिक पत्र को सार्वजनिक करने के लिए 71 वर्षीय खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस साल अगस्त में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

गृह सचिव आफताब अकबर दुर्रानी सुनवाई के दौरान मौजूद थे क्योंकि 24 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई के दौरान पुलिस सुरक्षा कारणों से खान को अधिकरण के सामने पेश नहीं कर पाई थी, जिसके बाद दुर्रानी को अधिकरण के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।

जेल में सुनवाई के बारे में पूछे जाने पर, गृह सचिव ने कहा कि इस बारे में ईसीपी को निर्णय लेना है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय को अडियाला जेल में सुनवाई पर कोई आपत्ति नहीं है, जहां फिलहाल खान को रखा गया है।

चौधरी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल भी अडियाला जेल में हैं। वकील ने बताया कि एक अलग मामले में अदालत के आदेश के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।

नौ मई को हुई हिंसा के मद्देनजर पार्टी छोड़ने वाले उमर और चौधरी मुख्य निर्वाचन आयुक्त और ईसीपी से माफी मांग चुके हैं।

पाकिस्तान के खिलाड़ियों पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना

पाकिस्तान के खिलाड़ियों पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विश्व कप मैच के दौरान धीमी ओवर गति के लिए मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है।

दक्षिण अफ्रीका ने शुक्रवार को यहां खेले गए इस मैच में एक विकेट से रोमांचक जीत दर्ज की थी।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की विज्ञप्ति के अनुसार,‘‘बाबर आजम की अगुवाई वाली टीम ने निर्धारित समय में चार ओवर कम किए थे इसके बाद मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने यह जुर्माना लगाया।’’

खिलाड़ियों और खिलाड़ियों के सहयोगी स्टाफ के लिए आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.22 के अनुसार निर्धारित समय में एक ओवर कम करने पर खिलाड़ियों पर मैच फीस का पांच प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है।

बाबर ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और इसलिए इस मामले में औपचारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी।

पाकिस्तान में आम चुनाव की तारीख जल्द घोषित होने की संभावना : प्रधानमंत्री

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने उम्मीद जताई है कि निर्वाचन आयोग जल्द ही चुनाव की तारीख की घोषणा करेगा। उन्होंने जोर दिया कि अगले आम चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे।

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने पिछले महीने किसी तारीख की घोषणा किए बिना कहा था कि आम चुनाव जनवरी 2024 के आखिरी हफ्ते में होंगे।

चीन से लौटने के तीन दिन बाद संवाददाताओं से मुखातिब काकड़ ने कहा, “ऐसा लग रहा है कि जल्द ही चुनाव की तारीख का ऐलान हो जाएगा।” वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की 10वीं वर्षगांठ पर बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन गए थे।

देश में सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने कहा, “किसी भी राजनीतिक दल को राजनीतिक प्रक्रिया से बाहर नहीं रखा गया है और कार्यवाहक सरकार चुनावी प्रक्रिया में सहयोग देने की पूरी कोशिश कर रही है।”

उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि कोई भी राजनीतिक दल, संस्था और उससे जुड़ी राजनीतिक हस्तियां (चुनाव) प्रक्रिया से बाहर न हों, लेकिन अगर अदालत कोई प्रतिबंध लगाती है, तो हमें आदेश का पालन करना होगा।”

उनकी यह टिप्पणी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संदर्भ में देखी जा रही है, जो कानूनी चुनौतियों का सामना कर रही है और जिसके कई नेता जेल में हैं।

“द डॉन” अखबार में मंगलवार को काकड़ के हवाले से प्रकाशित खबर में कहा गया है, “अगर समान अवसर का मतलब किसी खास पार्टी की जीत सुनिश्चित करना है तो इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। (हमें) 2018 का समान अवसर याद है, जब दक्षिण पंजाब मोर्चा अस्तित्व में आया था।”

इन आरोपों को खारिज करते हुए कि समान अवसर सभी राजनीतिक दलों के बजाय किसी एक पार्टी के लिए उपलब्ध हैं, काकड़ ने कहा, “कार्यवाहक व्यक्ति दो महीने में ऐसे कौन-से प्रयास कर सकते हैं, जिनसे किसी एक पार्टी को (नेशनल असेंबली की) 171 सीटें हासिल करने में मदद मिलेगी।”

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ की वतन वापसी के दो दिन बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पीटीआई की चुनावों में समान अवसर उपलब्ध कराने की मांग के संबंध में काकड़ मीडिया से बात कर रहे थे।

“द डॉन” के मुताबिक, जब काकड़ से पूछा गया कि “शरीफ को उनकी वापसी पर असाधारण प्रोटोकॉल क्यों दिया गया और ब्रिटेन में पाकिस्तान के उच्चायुक्त उन्हें छोड़ने के लिए हवाई अड्डे पर क्यों आए थे”, तो वह इसका जवाब देने से बचते नजर आए।

“द इंटरनेशनल न्यूज” की रिपोर्ट के अनुसार, जब काकड़ से पूछा गया कि क्या आगामी चुनावों से पहले बलूच अवामी पार्टी (बीएपी) के कुछ प्रमुख नेताओं के पीएमएल(एन) में शामिल होने की संभावना है, तो जवाब में उन्होंने कहा, “अगर कोई नेता किसी खास राजनीतिक दल में शामिल होना चाहता है तो उसे ऐसा करने का अधिकार है।”

Pakistan:अनवर-उल-हक होंगे पाकिस्तान के 8वें कार्यवाहक प्रधानमंत्री

पाकिस्तान में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच शनिवार (12 अगस्त) को अनवर-उल-हक कक्कर को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया। बता दें पूर्व प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज ने बलूचिस्तान से अनवर-उल-हक कक्कड़ के नाम पर सहमति जताई है। वहीं रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार (12 अगस्त) को ही उनके शपथ लेने की संभावना है।

जल उठा पाकिस्तान ! इमरान खान की गिरफ्तारी पर सड़कों पर हिंसा, निशाने पर सरकार

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और PTI प्रमुख इमरान खान को मंगलवार दोपहर 3 बजे इस्लामाबाद हाई कोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद से देश के कई हिस्सों में हिंसा शुरू हो गई है। बता दें गिरफ्तारी के बाद माहौल इतना बिगड़ा कि सरकार को पूरे देश में धारा 144 लागू करनी पड़ी।

बीते 24 घंटे में इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और दोपहर में ही तुरंत तमाम अधिकारियों को कोर्ट रूम में तलब किया।