दिल्ली के अस्पतालों में दिवाली के दिन पटाखों से झुलसने के कई मामले दर्ज

राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में दिवाली के दिन झुलसने के कई मामले दर्ज किए गए, जिनमें से ज्यादातर लोग पटाखों की चपेट में आकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे। देशभर में रविवार को दिवाली मनाई गई।

चिकित्सकों के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल में रविवार को आग से झुलसने के 89 मामले आए जबकि दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में इस तरह के 11 मामले दर्ज किए गए।

एलएनजेपी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि दिवाली के दिन आपातकालीन विभाग में जिन 11 लोगों को लाया गया उनमें से एक के हाथ में गंभीर चोट लगी थी। उन्होंने बताया कि इन मरीजों में से ज्यादातर पुरुष हैं और सभी लोग पटाखों से जलकर घायल हुए हैं।

दिल्ली में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध के बावजूद शहर के कई हिस्सों में दिशा-निर्देश का उल्लंघन हुआ, विशेष रूप से दिवाली की रात पर। इसकी वजह से वायु प्रदूषण में भी इजाफा हुआ।

सफदरजंग अस्पताल में जलने व प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि अस्पताल में 89 मामले आए, जिनमें से 77 मामूली रूप से झुलसे थे और उनका उपचार ओपीडी में किया गया जबकि 12 मरीज 25 फीसदी से ज्यादा झुलस गए थे, जिन्हें भर्ती किया गया।

उन्होंने बताया कि 71 मामले पटाखों से झुलसने के थे जबकि 18 लोग दिये आदि से लगी आग से झुलसे थे।

चिकित्सकों ने बताया कि सफदरजंग अस्पताल में आए 89 मरीजों में से 83 दिल्ली के थे और 22 बच्चे 12 साल से कम उम्र के थे।

चिकित्सकों ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आपातकालीन विभाग में शनिवार और रविवार के दौरान झुलसने के 31 मामले आए, जिनमें से 21 पटाखों से झुलसने के मामले थे।

उन्होंने बताया कि छह लोगों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा, एक व्यक्ति को वार्ड में भर्ती किया गया जबकि 14 अन्य को 11 नवंबर की सुबह आठ बजे से 13 नवंबर की सुबह आठ बजे तक ओपीडी में जांच के बाद छुट्टी दे दी गई। इसके अलावा दिवाली की सजावट के दौरान बिजली की चपेट में आने से घायल दो व्यक्तियों को भी आईसीयू में भर्ती किया गया।

केंद्र संचालित अस्पताल में मीडिया सेल की प्रभारी प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा ने कहा कि इसके अलावा एम्स के आरपी सेंटर में आंख में चोट लगने के 42 मामले आए।