कनाडा से अमेरिका में अवैध तरीके से प्रवेश करते तीन भारतीयों समेत चार गिरफ्तार

अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश कर रहे कम से कम तीन भारतीयों समेत चार लोगों को कनाडा सीमा से सटे एक स्थान से गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

कनाडा का अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या सीमित करने का विचार; भारतीयों पर असर पड़ने की संभावना

कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा है कि उनका देश आवास की मांग में वृद्धि को कम करने और बेकाबू हो चुकी प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या सीमित करने की संभावना पर विचार कर रहा है। इस कदम से भारतीय छात्रों पर असर पड़ सकता है।

मिलर की टिप्पणी रविवार को तब आई जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार को स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के प्रवासियों की बढ़ती आबादी का स्वागत करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि देश को आवास की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।

सीटीवी न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में मिलर ने कहा कि संघीय सरकार को प्रांतीय सरकारों के साथ बातचीत करने की आवश्यकता होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो प्रांत अपना काम नहीं कर रहे हैं वे संबंधित संख्या को सीमित करें।

मिलर ने कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की बढ़ती संख्या के संदर्भ में कहा, “यह संख्या परेशान करने वाली है। यह वास्तव में एक ऐसी व्यवस्था है जो नियंत्रण से बाहर हो गई है।”

साल 2022 में कनाडा में अध्ययन परमिट धारकों के मामले में शीर्ष दस देशों में भारत पहले स्थान पर था, जहां से कुल 3,19,000 छात्र थे।

Canada में भारतीय छात्र नौकरी के अवसरों में कमी को लेकर चिंतित

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद भारत-कनाडा संबंधों में जारी तनातनी के बीच यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों को एक और डर सता रहा है और वह है नौकरियों के कम अवसर।

ऋषि सुनक, जस्टिन ट्रूडो ने भारत-कनाडा विवाद को कम करने की जरूरत बताई

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान नयी दिल्ली और ओटावा के बीच तनाव कम करने तथा कानून के शासन का सम्मान करने पर जोर दिया।

डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री आवास सह कार्यालय) ने एक बयान में कहा कि सुनक ने शुक्रवार शाम ट्रूडो से बात की और इस दौरान उन्हें भारत में कनाडाई राजनयिकों से संबंधित स्थिति के बारे में जानकारी दी गई और दोनों नेता संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए।

वहीं, खालिस्तान समर्थक वांछित अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट की संलिप्तता के कनाडा के आरोप के बाद सुनक ने कानून का शासन के प्रति ब्रिटेन के रुख को दोहराया।

बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत में कनाडाई राजनयिकों से संबंधित स्थिति पर अद्यतन जानकारी दी।’’

इसमें कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री (सुनक) ने ब्रिटेन के उस रुख को दोहराया कि सभी देशों को राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के सिद्धांतों सहित संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने हालात बेहतर होने की उम्मीद जताई।’’

कनाडा की राजधानी ओटावा से प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बयान को दोहराते हुए कहा कि ट्रूडो ने कनाडा और भारत के बीच मौजूदा स्थिति पर अद्यतन जानकारी प्रदान की।

कनाडा सरकार के बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों नेताओं ने राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के सम्मान और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने तनाव कम करने के महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ट्रूडो और प्रधानमंत्री सुनक करीबी संपर्क में रहने और वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए।’’

Canada ने भारत से अपने राजनयिकों को Kuala Lumpur या Singapore भेजा : रिपोर्ट

कनाडा ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर हुए विवाद के बीच भारत में काम कर रहे अपने ज्यादातर राजनयिकों को कुआलालम्पुर या सिंगापुर भेज दिया है।

भारत ने कनाडा को नयी दिल्ली में काम कर रहे अपने राजनयिकों की संख्या घटाने के लिए 10 अक्टूबर की समयसीमा दी है जिसके बाद कनाडा ने यह कदम उठाया है।

कनाडा के एक निजी टेलीविजन नेटवर्क ‘सीटीवी न्यूज’ की यह रिपोर्ट तब आयी है जब भारत ने इस सप्ताह की शुरुआत में कनाडा से अपने दूतावासों में काम कर रहे कई राजनयिकों की संख्या कम करने के लिए कहा था।

खालिस्तानी अलगावादी निज्जर की जून में हुई हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया है।

भारत ने आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” कहकर खारिज कर दिया और इस मामले के लेकर ओटावा के एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को अपने यहां से निष्कासित कर दिया था।

सीटीवी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत सरकार ने ओटावा को कनाडाई राजनयिकों की उपस्थिति कम करने के लिए 10 अक्टूबर तक का समय दिया है। उसका कहना है कि नयी दिल्ली में राजनयिकों की संख्या कनाडा में भारत के राजनयिकों की संख्या के समान होनी चाहिए।

पहले की खबरों में कहा गया कि इन राजनयिकों की संख्या 41 है लेकिन सीटीवी न्यूज के सूत्रों ने बताया कि राजनयिकों की संख्या समान करने के लिए कहा गया है।

खबर में कहा गया है, ‘‘दिल्ली के बाहर भारत में काम कर रहे अधिकांश कनाडाई राजनयिकों को कुआलालम्पुर या सिंगापुर भेजा गया है।’’

कनाडा के राजनयिक और दूतावास संबंधों का प्रबंधन करने वाले विभाग ‘ग्लोबल अफेयर्स कनाडा’ ने पहले कहा था कि ‘‘विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर कुछ राजनयिकों को धमकियां मिलने के बाद वह भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या का आकलन कर रहा है।’’

विभाग ने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप और अत्यधिक सावधानी बरतते हुए, हमने भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या को अस्थायी रूप से कम करने का फैसला किया है।’’

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि कनाडा को संख्या में समानता हासिल करने के लिए देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करनी चाहिए और आरोप लगाया कि कनाडा के कुछ राजनयिक नयी दिल्ली के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने में शामिल हैं।

यह निज्जर की हत्या पर दोनों देशों के बीच संबंधों में जारी गिरावट का स्पष्ट संकेत है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि परस्पर राजनयिक उपस्थिति पर पहुंचने के तौर-तरीकों पर चर्चा चल रही है और उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि भारत इस मुद्दे पर अपनी स्थिति की समीक्षा नहीं करेगा।

ऐसी जानकारी है कि भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या लगभग 60 है और नयी दिल्ली चाहती है कि ओटावा इस संख्या में कम से कम 36 की कमी करे।

यह पूछे जाने पर कि क्या कनाडा ने निज्जर की हत्या से संबंधित कोई जानकारी या सबूत भारत के साथ साझा किया है, बागची ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया टिप्पणियों का हवाला दिया था कि यदि कोई विशिष्ट या प्रासंगिक जानकारी नयी दिल्ली के साथ साझा की जाती है, तो वह उस पर विचार करने के लिए तैयार है।

कनाडा ने भारत में अपने नागरिकों से ‘सतर्क रहने और सावधानी बरतने’ की दी सलाह

ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को 45 वर्षीय खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय जासूसों की ‘संभावित’ संलिप्तता के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के अति गंभीर आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था।

Canada में छात्रों से धोखाधड़ी करने वाला ट्रैवल एजेंट बृजेश मिश्रा गिरफ्तार, 700 छात्रों से धोखाधड़ी करने का है आरोप

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इंदिरा गांधी की हत्या के जश्न पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कुछ ऐसा

कनाडा में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का अपमान हुआ है। बता दें कनाडा में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने की खबरों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया है। बता दें उन्होंने इस तरह की हरकत में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। एस जयशंकर ने कहा कि इस तरह की घटना दोनों देशों के लिए सही नहीं है।