Budget 2024: Nirmala Sitharaman ने 56 मिनट रखी अपनी बात, अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण

New Delhi: Union Finance Minister Nirmala Sitharaman with Ministers of State Bhagwat Kishanrao Karad and Pankaj Chaudhary, and other officials poses for photos outside the Finance Ministry, holding a folder-case containing the Interim Budget 2024, in New Delhi, Thursday, Feb. 1, 2024. (PTI Photo/ Manvender Vashist Lav)(PTI02_01_2024_000021B)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद में अपना लगातार छठा बजट पेश किया और 56 मिनट में अपना बजट भाषण समाप्त किया जो उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण है।

फिरोजी रंग की कढ़ाई वाली कांथा सिल्क की साड़ी पहनकर संसद पहुंचीं सीतारमण के भाषण के दौरान लोकसभा में सत्ता पक्ष के सदस्य उनकी घोषणाओं और टिप्पणियों पर बीच-बीच में मेजें थपथपाते देखे गए।

जब उन्होंने कहा कि ‘‘हमारी सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी’’ तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सबसे ज्यादा देर तक मेजें थपथपाईं।

विपक्षी सदस्यों ने भी वित्त मंत्री का बजट भाषण पूरे ध्यान से सुना। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद उनकी सरकार के सत्ता में लौटने संबंधी कथन पर विपक्ष की ओर से कुछ विरोध के स्वर सुनाई दिए।

इससे पहले आज पूर्वाह्न 11 बजे बजट भाषण शुरू होने से पहले जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा कक्ष में पहुंचे तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने ‘भारत माता की जय’, ‘जय श्रीराम’ और ‘जय सियाराम’ के नारे लगाए।

सीतारमण का 56 मिनट का आज का बजट भाषण उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण है। सदन में सबसे लंबा बजट भाषण देने का श्रेय भी सीतारमण को जाता है जब उन्होंने साल 2020 में दो घंटे 40 मिनट तक भाषण पढ़ा था।

भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में 2019 में सीतारमण का बजट भाषण दो घंटे 17 मिनट तक चला था। साल 2021 में उन्होंने एक घंटा 50 मिनट तक बजट भाषण दिया। 2022 में उनका यह भाषण 92 मिनट का और 2023 में 87 मिनट का रहा।

सीतारमण के आज के बजट भाषण में पहले की तरह तमिल कवियों और विचारकों के उद्धरण नहीं थे। हालांकि उन्होंने कम से कम आठ बार प्रधानमंत्री मोदी का उल्लेख किया और उनके भाषणों के अंश पढ़े।

लोकसभा की दर्शक दीर्घाओं में अधिक संख्या में लोग नहीं थे। दीर्घा-2 में राज्यसभा के कुछ सदस्य बैठे थे, वहीं वित्त मंत्री के रिश्तेदार कृष्णमूर्ति लक्ष्मीनारायणन तथा विद्या लक्ष्मीनारायणन और उनकी बेटी वांग्मयी पराकला को दीर्घा-3 की पहली कतार में बैठे हुए देखा गया।

बजट प्रस्तुत करने से पहले सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्रियों-पंकज चौधरी और भागवत कराड तथा वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।

राष्ट्रपति ने सीतारमण को चम्मच से दही-शक्कर खिलाई और केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने के लिए शुभकामनाएं दीं।

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कुछ शब्द-संक्षेपों की नई व्याख्या की। मसलन उन्होंने एफडीआई को ‘फर्स्ट डेवलप इंडिया’ (पहले भारत का विकास) और जीडीपी को ‘गवर्नेंस, डेवलपमेंट एंड परफॉर्मेंस’ (शासन, विकास और कार्य प्रदर्शन) कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के रूप में उच्च वृद्धि के अलावा सरकार अधिक समावेशी जीडीपी (शासन, विकास और कार्य प्रदर्शन) पर भी समान रूप से ध्यान दे रही है।’’

वित्त मंत्री सीतारमण ने 2019 में बजट दस्तावेजों को परंपरागत ब्रीफकेस में लाने के बजाय बही-खाते के रूप में लाना शुरू किया था जिस पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न होता है। इस बार उन्होंने इस परिपाटी को कायम रखा।

जनता दल (यूनाइटेड) के नेता राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ को बजट भाषण के दौरान अनेक बार मेज थपथपाते हुए देखा गया। उनकी पार्टी गत सप्ताह ही पुन: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुई है।

सीतारमण के बजट भाषण की समाप्ति पर प्रधानमंत्री मोदी उनके पास पहुंचे और अंतरिम बजट प्रस्तुत करने के लिए उन्हें बधाई दी।

कई मंत्रियों को भी सीतारमण को बजट प्रस्तुत करने के बाद बधाई देते हुए देखा गया।