बता दें कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे और अपने आचरण एवं व्यवहार के कारण उन्हें हर राजनीतिक दल का सम्मान प्राप्त था। उन्हें ‘‘लोगों का राष्ट्रपति’’ कहा जाता था, क्योंकि सर्वोच्च पद की जिम्मेदारियों के बावजूद वह आम जनता, खासतौर पर छात्रों से मिलने का वक्त निकाल लेते थे और यह आदत उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद भी बनी रही।