SIR मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को नोटिस, कहा - "डर के साए में काम नहीं कर सकते BLO"
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर्स BLO पर हो रहे हमलों और धमकियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है।
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर्स BLO पर हो रहे हमलों और धमकियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग ऑफ इंडिया ECI को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने साफ कहा कि BLO को “सुरक्षित माहौल में काम करने का पूरा अधिकार” है और लोकतंत्र की नींव को किसी भी तरह के डर या हिंसा से प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि BLO पर हमले “बेहद गंभीर चिंता का विषय” हैं। जस्टिस बागची ने कहा कि “ये कोई डेस्क का काम नहीं है। BLO घर-घर जाकर वेरिफिकेशन करते हैं, फॉर्म भरवाते हैं, फिर उसे अपलोड करते हैं। यह बेहद कठिन, दबाव वाला और जोखिम भरा काम है।” उन्होंने आगे जोड़ा कि कोर्ट किसी राजनीतिक विवाद में नहीं पड़ना चाहती, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि “ग्राउंड लेवल पर काम करने वाले अधिकारियों को डर और हिंसा से मुक्त वातावरण मिले।”
डर के माहौल में नहीं हो सकता है काम - CJI सूर्यकांत
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने टिप्पणी कि “अगर BLO को सुरक्षा नहीं दी जा रही है, तो यह अत्यंत गंभीर बात है। मतदाता सूची को सही बनाना लोकतंत्र की बुनियाद है। इसे तैयार करने वालों को डर के साए में नहीं छोड़ा जा सकता।” उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि BLO की सुरक्षा के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं?
याचिका में क्या कहा गया?
याचिका में आरोप लगाया गया था कि पश्चिम बंगाल के कई जिलों में BLO को स्थानीय गुंडों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं से धमकियां मिल रही हैं। कुछ जगहों पर उन पर हमले और मारपीट की घटनाएं भी हुई हैं। BLO मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में उन्हें काम करने से रोका जा रहा है।
कोर्ट ने दिया चुनाव आयोग को निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि दो हफ्तों के भीतर रिपोर्ट दे कि BLO की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से ठोस कदम उठाए गए हैं, स्थानीय प्रशासन और पुलिस को क्या निर्देश दिए गए हैं और क्या राजनीतिक दबाव या हिंसा को रोकने के लिए कोई निगरानी तंत्र बनाया गया है।
पशिच्म बंगाल में चुनाव की तैयारियां शुरु
बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले साल पंचायत चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव 2026 की तैयारियां चल रही हैं। SIR ड्राइव मतदाता सूची को अपडेट करने की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रक्रिया में “किसी भी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप या हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” अदालत की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी, जब चुनाव आयोग को BLO की सुरक्षा और कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी।
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