शेख हसीना को ICT ने सुनाई फांसी की सजा, 1400 हत्याओं का माना जिम्मेदार
बांग्लादेश की पूर्व में रही प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने सोमवार को फांसी का फैसला सुनाया है। बता दें कि शेख हसीना पर पिछले साल छात्रों के प्रदर्शन करने पर मुकदमा चल रहा है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। पिछले साल छात्र आंदोलन पर कार्रवाई से जुड़े मामले में चल रहे मुकदमे में अदालत ने उन्हें निहत्थे नागरिकों पर गोली चलाने और मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी पाया और फांसी की सजा सुनाई। बता दें कि इससे बांग्लादेश के 2026 में होने वाले चुनावों पर भी असर हो सकता है। इसलिए, यह राजनीति के लिहाज से भी महत्वपूर्ण घटना है।
अदालत ने शेख हसीना को माना दोषी
अदालत के मुताबिक, जांच और सबूतों से साबित होता है कि शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए घातक हथियारों और ड्रोन के इस्तेमाल करने के आदेश जारी किए थे। फैसले में कहा गया कि मानवता के खिलाफ अपराध हसीना और उनके सहयोगियों के आदेश पर ही हुए।
54 गवाहों ने दी गवाही
अदालत ने कुल 54 गवाहों की गवाही सुनी और माना कि यह संख्या आरोप साबित करने के लिए काफी है। देशभर से मिले सबूत, अलग-अलग स्रोतों से आई सामग्री और संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की रिपोर्टों का विश्लेषण किया गया। न्यायाधिकरण ने निष्कर्ष निकाला कि मानवता के खिलाफ हुए अपराध सीधे शेख हसीना और गृह मंत्री के आदेशों से जुड़े थे।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने क्या कहा?
ICT के मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि शेख हसीना ने छात्रों और अन्य नागरिकों के खिलाफ घातक कार्रवाई के आदेश दिए थे। अदालत ने यह भी कहा कि ढ़ाका विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ बातचीत में हसीना ने हिंसक कदम उठाने के निर्देश दिए और छात्रों का अपमान किया, जिससे आंदोलन और भड़क गया। न्यायाधिकरण के अनुसार, हसीना के बयान न सिर्फ अपमानजनक थे, बल्कि हिंसा को बढ़ावा देने वाले भी थे। उन्होंने जानबूझकर ऐसे आदेश दिए, जिनका उद्देश्य लोगों की जान लेना था। कोर्ट के पास हसीना और कुलपति की फोन कॉल के रिकॉर्ड मौजूद हैं, जो इन आदेशों की पुष्टि करते हैं।
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