रामनवमी पर होगा रामलला का सूर्य तिलक, किरणें कैसे करेंगी राम लला का सूर्य तिलक ?

रामनवमी पर होगा रामलला का सूर्य तिलक, किरणें कैसे करेंगी राम लला का सूर्य तिलक ?

500 सालों के बाद अयोध्या में प्रभु राम का भव्य जन्मोत्सव मनाया जाएगा। राम मंदिर में बाल स्वरूप में रामलला की मूर्ति स्थापित हो चुकी है। अब राम नवमी के दिन को और भी धूमधाम से मनाने की तैयारियां चल रही हैं।

इस बार राम नवमी का पर्व 17 अप्रैल को है। इस साल की रामनवनी बेहद खास होने वाली है। इसे खास बनाने के लिए जो आयोजन किए जा रहे हैं, उसमें रामलला के माथे पर सूर्य किरणों को पहुंचाने के लिए वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है।

सूर्य तिलक को लेकर अयोध्या में खास तैयारियां की गई हैं। चलिए आपको बताते हैं कि राम लला का सूर्य तिलक कैसे किया जाएगा।

सूर्य तिलक के लिए आईआईटी रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक खास ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है। राम नवमी के दिन दोपहर 12 बजे राम लला के माथे पर 4 मिनट तक सूर्य की किरणों से तिलक किया जाएगा।

सूर्य तिलक का सफल ट्रायल भी हो चुका है। राम लला के सूर्य तिलक के लिए मंदिर की तीसरे तल पर दर्पण लगाया गया है। जहां से किरणें परावर्तित होकर पीतल के पाइप के जरिए राम लला के ललाट तक पहुंचेगी।

राम लला के सूर्य तिलक के लिए पूरा सिस्टम बिना बिजली के काम करेगा। इसके लिए तीन दर्पण और तीन लेंस लगाएं गए हैं। सबसे पहले सूर्य की किरणें ऊपरी तल पर लगे दर्पण पर पड़ेंगी और फिर पीतल के पाइप के जरिए दूसरे दर्पण पर टकरायेगी।

यहां से होती हुए वह नीचे गर्भगृह तक पहुंचेगी जिससे पहले किरणें तीन अलग-अलग लेंस से गुजरेगी। नीचे गर्भगृह से परावर्तित होकर सूर्य किरणें राम लला के मस्तक पर 75 मिमी गोलाकर सूर्य तिलक लगाएंगी।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली राम नवमी है। ऐसे में हर कोई राम नवमी के दिन अयोध्या में मौजूद रहना चाहता है। ऐसे में वहां पर भक्तों की भीड़ लग सकती है।

हालांकि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने लोगों को राम नवमी पर अयोध्या न आने की अपील की है। ट्रस्ट ने राम नवमी के बजाय किसी और दिन दर्शन के लिए आने की अपील की है।