रूस में फंसे बच्चे, परिजनों ने कहा - पुतिन से सीधी बात करें PM मोदी
रूस में पंजाब और हरियाणा के कई युवा पिछले कई महीनों से लापता हैं। परिजनों का आरोप है कि उनके बच्चों को रूसी सेना में जबरन भर्ती किया गया, जिसके बाद से उनका संपर्क पूरी तरह टूट गया।
रूस में पंजाब और हरियाणा के कई युवा पिछले कई महीनों से लापता हैं। परिजनों का आरोप है कि उनके बच्चों को रूसी सेना में जबरन भर्ती किया गया, जिसके बाद से उनका संपर्क पूरी तरह टूट गया। परिवारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे भारत आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इस मामले पर सीधी बात करें, ताकि उनके बच्चे सुरक्षित भारत लौट सकें।
परिजनों ने मोदी से लगाई गुहार
परिजनों का कहना है कि युवाओं को “विदेश में अकाउंटेंट या हेल्पर की नौकरी” का झांसा देकर रूस बुलाया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें सेना में जबरन भर्ती कर युद्ध में भेज दिया गया। इसके बाद से उनका संपर्क पूरी तरह कट गया। लुधियाना के समरजीत सिंह, करनाल, अम्बाला और हरियाणा के कई युवक रूस में फंसे हुए हैं। समरजीत के पिता चरणजीत सिंह ने बताया कि “हम दो बार जंतर-मंतर पर धरना दे चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब उम्मीद है कि प्रधानमंत्री खुद पुतिन के सामने यह मुद्दा उठाएंगे।”
परिवारों में चिंता और बेचैनी बढ़ी
युवकों के परिजन लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। परिवारों का कहना है कि वे अपने बच्चों की आवाज सुनने के लिए भी तरस रहे हैं। “हम बस यह चाहते हैं कि हमारे बच्चे जिंदा लौट आएं,” एक परिजन ने कहा। अब सभी की निगाहें प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की 4–5 दिसंबर की शिखर वार्ता पर टिकी हैं, उम्मीद है कि इस मुलाकात में रूस में फंसे भारतीय युवाओं का मुद्दा प्राथमिकता से उठाया जाएगा।
What's Your Reaction?