‘हिंद दी चादर’ की रिलीज डेट टली, SGPC ने जताया ऐतराज

श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘हिंद दी चादर’ अब 21 नवंबर को रिलीज नहीं होगी। बवेजा स्टूडियो द्वारा निर्मित यह फिल्म श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शताब्दी के मौके पर रिलीज होनी थी।

Nov 21, 2025 - 11:35
Nov 21, 2025 - 12:02
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‘हिंद दी चादर’ की रिलीज डेट टली, SGPC ने जताया ऐतराज

श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘हिंद दी चादर’ अब 21 नवंबर को रिलीज नहीं होगी। बवेजा स्टूडियो द्वारा निर्मित यह फिल्म श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शताब्दी के मौके पर रिलीज की जानी थी, लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा उठाए गए ऐतराज के बाद इसकी रिलीज को स्थगित कर दिया गया है।

अकाल तख्त को दी गई जानकारी

बवेजा स्टूडियो की टीम ने इस मामले में श्री अकाल तख्त साहिब को औपचारिक रूप से सूचित किया है। स्टूडियो ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी घोषणा की है कि फिल्म की रिलीज फिलहाल रोक दी गई है। साथ ही, स्टूडियो प्रबंधन ने अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज को पत्र लिखकर यह भी अनुरोध किया है कि उन्हें बताया जाए कि फिल्म में कौन-सी खामियां या आपत्तिजनक तत्व हैं, ताकि संशोधन किए जा सकें।

'हिंद दी चादर' रिलीज डेट टली

जानकारी के मुताबिक, फिल्म जांच समिति ने ‘हिंद दी चादर’ का अवलोकन करने के बाद अपनी रिपोर्ट अकाल तख्त को भेजी थी। रिपोर्ट आने के बाद SGPC के मुख्य सचिव सरदार कुलवंत सिंह मंनन ने फिल्म निर्माताओं को सलाह दी कि सिख भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फिल्म को रिलीज न किया जाए। मंनन ने कहा कि “ऐसी प्रस्तुतियां सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने के साथ विवाद भी खड़े कर सकती हैं।” सिख शताब्दी समारोह के दौरान फिल्म पर रोक को बताया उचित SGPC का कहना है कि इस समय पूरा सिख समुदाय श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी शताब्दी मना रहा है। ऐसे में सिख सिद्धांतों से हटकर किसी भी प्रकार की एनिमेटेड या काल्पनिक प्रस्तुति जारी करना “उचित नहीं है और यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।”

कौन थे श्री गुरु तेग बहादुर जी?

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी सिखों के नौवें गुरु थे। उनका मूल नाम त्याग मल था, लेकिन बाद में उनके वीरतापूर्ण पराक्रम के चलते उन्हें ‘श्री गुरु तेग बहादुर जी’ नाम मिला। सिख धार्मिक ग्रंथों में उन्हें ‘संसार की चादर’, जबकि भारतीय परंपरा में ‘हिंद दी चादर’ कहा गया है। सिख इतिहासकार डॉ. सतबीर सिंह के अनुसार, श्री गुरु तेग बहादुर जी का जन्म विक्रम संवत 1678 की पांचवीं वैसाख (1 अप्रैल 1621, शुक्रवार) को अमृतसर के गुरु के महल में हुआ था। उनके पिता श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी, सिखों के छठे गुरु थे और उनके मां का नाम माता नानकी था। श्री गुरु तेग बहादुर जी, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के सबसे छोटे पुत्र थे।

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