पंजाब सरकार का जनता को बड़ा तोहफा, नकोदर हाईवे से जुड़ेगा दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे
अगर आप जालंधर जिले के कांग साहिबराय से करतारपुर तक सफर करने वाले यात्रियों के पंजाब सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। बता दें कि अब नकोदर हाईवे को अमृतसर–दिल्ली–कटरा एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा, जिससे अमृतसर तक सफर सिर्फ डेढ़ घंटे में तय हो सकता है।
जालंधर जिले के कांग साहिबराय से करतारपुर तक सफर करने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर है। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत तैयार किए जा रहे अमृतसर–दिल्ली–कटरा एक्सप्रेस-वे के जरिए अब लोगों को नई हाईवे कनेक्टिविटी मिलने जा रही है। नकोदर हाईवे को सीधे इस एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है, जिससे श्री दरबार साहिब अमृतसर तक की दूरी काफी कम हो जाएगी और सफर सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
अमृतसर की दूरी होगी कम
नए कनेक्शन के बाद दिल्ली, पटियाला और लुधियाना से फिल्लौर होते हुए कांग साहिबराय की ओर जाने वाले यात्रियों को जालंधर होकर नहीं आना पड़ेगा। वे नकोदर हाईवे के जरिए सीधे एक्सप्रेस-वे पर पहुंच सकेंगे। इससे करीब 75 किलोमीटर की दूरी और भारी ट्रैफिक से बचत होगी। यह रूट एयरपोर्ट रोड से भी जुड़ा होगा, जिससे यात्रियों को श्री दरबार साहिब अमृतसर और एयरपोर्ट तक पहुंचने में सुविधा होगी। नया रूट बनने के बाद यात्रियों को फिल्लौर के रास्ते जालंधर आने की जरूरत नहीं होगी। यह रूट कांग साहिबराय से होकर सीधे नकोदर हाईवे से जुड़ेगा। इससे जालंधर शहर में ट्रैफिक दबाव में कमी आएगी और वाहनों की आवाजाही सुगम हो जाएगी।
2026 तक तैयार होगा प्रोजेक्ट
नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHAI) के अधिकारियों के मुताबिक, एक्सप्रेसवे का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि यह परियोजना वर्ष 2026 तक पूरी तरह चालू हो जाएगी। फिलहाल बाकी हिस्सों पर अंतिम लेयरिंग और कनेक्टिविटी कार्य जारी है।
16 गांवों को मिलेगा बड़ा फायदा
फिल्लौर के पास से गुजरने वाले इस नए हाईवे का फायदा आसपास के 16 गांवों को सीधा मिलेगा। इनमें शामिल हैं गन्ना पिंड, अकालपुर, प्रतापबुरा, बकापुर, मोवाई, नागरा, रूपोवाल, कंदोला, खुर्द, फरवाला, सैदोवाल, रारा, गुमताली, नवां पिंड, बीर पिंड, लितड़ा और मीरपुर। इन गांवों के साथ-साथ लुधियाना, जालंधर, नकोदर, करतारपुर और दिल्ली–चंडीगढ़ से आने-जाने वाले यात्रियों को भी इससे लाभ होगा। अधिकारियों का कहना है कि नई सड़क के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। हाईवे से जुड़ने वाले गांवों में छोटे व्यवसाय, ट्रांसपोर्ट और पर्यटन से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। अमृतसर तक सुगम पहुंच के कारण धार्मिक और औद्योगिक गतिविधियों में भी तेजी आने की संभावना है।
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