पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने केंद्र सरकार से पंजाब के लिए व्यवहार्य गैप फंडिंग (वीजीएफ) की मांग की है, ताकि किसानों द्वारा पराली जलाने की प्रथा को रोकने के लिए राज्य में धान के भूसे का उपयोग करके बिजली का उत्पादन करने वाले बायोमास बिजली संयंत्रों को प्रोत्साहित किया जा सके।
नई दिल्ली में बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेते हुए पंजाब के बिजली मंत्री ने नवीकरणीय खरीद दायित्व (आरपीओ) अनुपालन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्रों की लागत के साथ पारंपरिक बिजली की कुल लागत के टैरिफ से काफी कम है। बायोमास बिजली संयंत्र जो लगभग 8 रुपये/किलोवाट है।
उन्होंने कहा कि वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के लिए बायोमास बिजली संयंत्रों से बिजली की खरीद को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा पंजाब को वीजीएफ प्रदान करने की आवश्यकता है। ईटीओ ने पंजाब के निजी थर्मल प्लांटों द्वारा पछवाड़ा कोयला खदान से कोयले का उपयोग करने की अनुमति भी मांगी।
उन्होंने कहा कि यह अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि पछवारा कोयला खदान से प्राप्त होने वाले कोयले की पूरी लागत राज्य के उपभोक्ताओं द्वारा वहन की जा रही है।
राज्य के किसानों से संबंधित एक और मुद्दा उठाते हुए, हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि सिंचाई सौर पंप पर 30 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान केवल 7.5 हॉर्स पावर (एचपी) के पंपों के लिए है, जबकि पंजाब में 15 एचपी और उससे अधिक के पंप हैं।