Punjab : पंजाब सरकार ने PRTC कर्मचारियों के धरने को बताया अवैध, कच्चे मुलाजिम किए सस्पेंड
पंजाब में किलोमीटर स्कीम की बसों का टेंडर रद्द करने के विरोध में चल रही हड़ताल पर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। ट्रांसपोर्ट विभाग ने हड़ताल में शामिल सभी कच्चे मुलाजिमों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
पंजाब में किलोमीटर स्कीम की बसों का टेंडर रद्द करने के विरोध में चल रही हड़ताल पर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। ट्रांसपोर्ट विभाग ने हड़ताल में शामिल सभी कच्चे मुलाजिमों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। विभाग ने सभी कर्मचारियों को मेल के जरिए सस्पेंशन ऑर्डर भेजे हैं और उनकी हड़ताल गैरकानूनी थी जिससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
पंजाब सरकार ने धरने को बताया अवैध
विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कर्मचारियों ने गैरकानूनी धरना लगाकर सरकारी कार्य में बाधा डाली और जनता को परेशानी में डाला। “हड़ताल के चलते पंजाब में सरकारी बसों में सफर करने वाले यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बसें रूट पर नहीं चलीं, जिससे लाखों लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई।”
दो दिन में हुआ लाखों रुपए का नुकसान
विभाग ने बताया कि 28 और 29 नवंबर को रोडवेज डिपो की सैकड़ों बसें रूट पर नहीं चलीं, जिससे सरकार को किराया, मजदूरी और ओवरटाइम के रूप में भारी वित्तीय नुकसान हुआ। लेटर के मुताबिक एक दिन में प्रति बस औसतन ₹9,520 का नुकसान हुआ। दो दिन में प्रति बस ₹11,939 का नुकसान दर्ज किया गया। इसके अलावा कई रूट्स पर यात्रियों को प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ा।
ड्यूटी पर लौटने का आदेश नहीं माना
विभाग ने बताया कि 28 नवंबर को नोटिस जारी कर सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन 29 नवंबर को भी अधिकांश कर्मचारी रूट पर नहीं लौटे। पत्र में लिखा गया है “आपने विभाग और अपने बीच हुए एग्रीमेंट की शर्त-15 का उल्लंघन किया है। 301 किलोमीटर की ड्यूटी मिस की गई। यह सीधी तौर पर अनुशासनहीनता है।”
किलोमीटर स्कीम का विरोध कर रहे कच्चे मुलाजिम
हड़ताल करने वाले ज्यादातर कर्मचारी किलोमीटर स्कीम के तहत रखे गए कच्चे मुलाजिम हैं। ये कर्मचारी सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं, जिसमें मौजूदा टेंडर रद्द कर नई शर्तों के साथ नया टेंडर जारी करने की बात कही गई थी। कर्मचारियों का आरोप है कि नई नीति में प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
क्या है किलोमीटर स्कीम विवाद?
किलोमीटर स्कीम के तहत सरकार निजी ऑपरेटरों से बसें किराए पर लेकर चलाती है। कर्मचारी लंबे समय से फिक्स वेतन और स्थायी भर्ती की मांग कर रहे हैं। हाल ही में सरकार ने नए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू की, जिसके विरोध में कर्मचारियों ने राज्यव्यापी हड़ताल छेड़ दी।
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