एक ऐसा मंदिर जहां आंखों और मुंह पर पट्टी बांध कर पुजारी करते हैं पूजा

एक ऐसा मंदिर जहां आंखों और मुंह पर पट्टी बांध कर पुजारी करते हैं पूजा

भारत की देवभूमी उत्तराखंड में अनेकों मंदिर हैं. हर मंदिर की अपनी एक अनोखी मान्यता है, जो लोगों को हैरान करके रख देती है. एक ऐसा ही अनूठा मंदिर उत्तराखंड में मौजूद है, जहां महिला या पुरुष किसी भी श्रद्धालु को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है.

जी हां, आप यही सोच रहे होंगे कि आखिर मंदिर में देवी देवताओं की पूजा कैसे होती होगी, तो आपको बता दें, न केवल भक्त बल्कि मंदिर के पुजारी को भी भगवान के दर्शन करने की इजाजत नहीं है. पुजारी भी मंदिर में पूजा आंखों पर पट्टी बांधकर करते हैं, उनके अलावा कोई भी अंदर नहीं जा सकता. यह मंदिर है लाटू देवता का.

आंखों पर बांधते हैं पट्टी

माना जाता है कि लाटू देवता मंदिर में पुजारी भी आंखों पर पट्टी बांधकर जा सकता है. मान्यता के अनुसार इस मंदिर में नागराज अपनी मणि के साथ विराजते हैं. कहा जाता है नाग मणि की रोशनी इतनी तेज होती है कि अगर किसी की आंखों पर मणि की रोशनी पड़ जाए तो वह व्यक्ति अंधा हो जाता है. इसलिए आम लोग दर्शन के लिए इस मंदिर के भीतर नहीं जा सकते. पुजारी भी आंखों और मुंह पर पट्टी बांधकर ही प्रवेश करते हैं.

लाटू देवता से जुड़ी पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार लाटू देवता उत्तराखंड की आराध्य देवी नंदा के चचरे भाई हैं. माता पार्वती का ही स्वरूप देवी नंदा हैं. जब देवी पार्वती का भगवान शिव से विवाह हुआ तो उनके विदा करने के लिए लाटू भी कैलाश पर्वत की ओर गए. लेकिन बीच में ही उन्हें प्यास लग गई.

एक कुटिया में जब वह पानी की तलाश में गए तो कुटिया में दो मटके रखे थे, जिनमें से एक में पानी और दूसरे में मदिरा थी. लाटू ने गलती से मदिरा पी ली और उत्पात मचाने लगे. जिससे नाराज होकर नंदा देवी ने उन्हें कैद कर दिया. जो आज एक नाजराज के रूप में मंदिर में कैद है.