राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को तुष्टिकरण, कानून-व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘श्रीराम एवं रामसेतु को काल्पनिक कहने वालों को जनता नकार चुकी है।
शर्मा ने कहा 2047 तक राजस्थान को विकसित राज्य बनाना हमारा संकल्प है और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने ‘संकल्प पत्र’ के माध्यम से किए गये सभी वादों को पूरा करेगी और राजस्थान में कानून का राज स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
शर्मा सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। इस मौके पर उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ोतरी करने, किसानों को गेहूं पर अतिरिक्त बोनस देने और पाक विस्थापितों को आवास एवं अन्य सुविधाएं देने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तुष्टिकरण के आधार पर अगर फैसले हों, तो कानून बौना हो जाता है, संविधान बौना हो जाता है। प्रदेश संविधान एवं कानून से चलेगा, तुष्टिकरण से नहीं चलेगा। कानून का शासन स्थापित करने में हमारी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि अपराध मुक्त राजस्थान बनाना वर्तमान ‘डबल इंजन’ सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। शर्मा ने पूर्व कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा उठाने वाले अपने मंत्री को बर्खास्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि देश में महिला अत्याचार के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर था। एनसीआरबी के आंकड़े चीख-चीख कर रहे थे कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार के समय राजस्थान महिला दुष्कर्म में लगातार देश में पहले पायदान पर बना रहा। जब-जब राज्य में कांग्रेस की सरकार आती है महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़ जाते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता मातृशक्ति के आत्मसम्मान एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इसलिए हमारी सरकार महिला एवं बच्चियों को समुचित सुरक्षा प्रदान करने, उनका मान-सम्मान बनाए रखने का काम करेगी।
हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि माताओं-बहनों के लिए राजस्थान को देश का सर्वाधिक सुरक्षित प्रदेश बनाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने का काम राज्य सरकार कर रही है। राजस्थान को 2047 तक विकसित राज्य बनाना हमारा ध्येय है।
हाल ही में अयोध्या में हुए भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर शर्मा ने कहा कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा को भी राजनीति के चश्मे से देखा जा रहा है।
राम और रामसेतु के अस्तित्व को नकारने वालों को जनता ने नकार दिया। आने वाले समय में चुनाव में जनता इनको पूरी तरह से नकारेगी क्योंकि राम मंदिर केवल आस्था नहीं बल्कि देश की आध्यात्मिक स्वतंत्रता के साथ साथ आर्थिक प्रगति का भी प्रतीक है।
शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में अपराधियों का बोलबाला रहा तथा कानून व्यवस्था शून्य रही। करौली सहित विभिन्न स्थानों पर धार्मिक जुलूसों पर हमला, उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या जैसे अपराधों से राज्य की छवि धूमिल हुई है।
पूर्ववर्ती सरकार की तुष्टीकरण की नीति ही इसके लिए दोषी है। शांतिप्रिय राज्य में कानून व्यवस्था दुरुस्त कर अपराध मुक्त राजस्थान बनाना हमारा ध्येय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनहित में एक के बाद एक महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं। गत सरकार द्वारा बन्द की गई सीबीआई की सामान्य सहमति को बहाल किया गया है। इससे गंभीर अपराधों में प्रभावी अनुसंधान बिना किसी बाधा के हो सकेगा।
शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक घोटाले के मुख्य सरगना को पकड़ने में विफल रही जिससे युवाओं के सपनों पर कुठाराघात हुआ।
आरपीएससी जैसी प्रतिष्ठित संस्था की साख को तार-तार किया गया। यहां तक कि आरएएस भर्ती परीक्षा में भी गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सत्ता में आते ही तुरन्त निर्णय लेते हुए पेपर लीक मामले की जांच हेतु एसआईटी का गठन कर दिया।
फिलहाल विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक की जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। यदि आवश्यक हुआ तो सीबीआई से भी पेपर लीक की जांच कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार ने चुनावी साल में कई अविवेकपूर्ण निर्णय लेकर राजस्थान पर कर्ज का बोझ बढ़ाया और राज्य कर्ज के जाल में फंसकर बीमारू राज्य बन गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही संकल्प पत्र के किए वादों को साकार करने का कार्य शुरू कर दिया और इसे नीतिगत दस्तावेज का दर्जा देकर मिशन मोड पर कार्य कर रही है।
सदन ने धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। सदन की कार्यवाही आठ फरवरी तक स्थगित कर दी गई।