जानें कौन हैं भारत के नए CJI जस्टिस सूर्यकांत?

हरियाणा के हिसार जिले के एक साधारण किसान परिवार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को देश के 53वें प्रधान न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली।

Nov 24, 2025 - 15:52
Nov 24, 2025 - 15:52
 53
जानें कौन हैं भारत के नए CJI जस्टिस सूर्यकांत?

हिसार से करीब 136 किलोमीटर दूर स्थित गांव पेटवाड़ की एक तपती दोपहर में गेहूं की मड़ाई के दौरान एक किशोर ने थ्रेशर मशीन रोक दी और आसमान की ओर देखते हुए कहा “मैं अपनी जिंदगी बदल दूंगा।” वह किशोर आगे चलकर भारत का प्रधान न्यायाधीश बना। सरकारी स्कूल में बोरी पर बैठकर पढ़ने वाले उस बच्चे का नाम था सूर्यकांत। हरियाणा के हिसार जिले के छोटे से गांव पेटवाड़ से निकलकर भारत के न्याय तंत्र के सर्वोच्च पद तक पहुंचने की कहानी अब इतिहास बन गई है। गांव के एक साधारण किसान परिवार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को देश के 53वें प्रधान न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, जबकि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई ने उन्हें गले लगाकर बधाई दी। जस्टिस सूर्यकांत अब 24 नवंबर 2025 से 9 फरवरी 2027 तक देश की सर्वोच्च अदालत का नेतृत्व करेंगे। 

जस्टिस सूर्यकांत का निजी जीवन

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हिसार जिले के पेटवाड़ (नारनौंद) में हुआ। उनके पिता मदनगोपाल शास्त्री संस्कृत के शिक्षक थे, जबकि माता शशि देवी गृहिणी थीं। वे पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। परिवार में तीन भाई ऋषिकांत, शिवकांत और देवकांत और एक बहन कमला देवी हैं। पिता चाहते थे कि बेटा LLM करे, लेकिन सूर्यकांत ने LLB के बाद वकालत शुरू करने का फैसला किया।

कानूनी सफर की शुरुआत

जस्टिस सूर्यकांत ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से 1984 में कानून की डिग्री हासिल की और उसी साल हिसार जिला अदालत में वकालत शुरू की। एक साल बाद वे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ चले गए। 2011 में, न्यायाधीश रहते हुए उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर डिग्री भी प्राप्त की। सिर्फ 38 वर्ष की उम्र में, 7 जुलाई 2000 को वे हरियाणा के सबसे युवा महाधिवक्ता बने। 2004 में उन्हें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 14 साल तक न्यायाधीश के रूप में सेवा देने के बाद वे अक्टूबर 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए।

कार्यकाल के दौरान लिए गए बड़े फैसले

  • चुनाव आयोग को बिहार की मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख नामों का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश दिया।
  • अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को बरकरार रखने वाली संविधान पीठ का हिस्सा रहे।
  • वन रैंक वन पेंशन (OROP) को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया और सेना में महिलाओं के समान अवसरों का समर्थन किया।
  • असम की नागरिकता से जुड़ी धारा 6ए की वैधता को बरकरार रखने वाले जजों में शामिल रहे।
  • दिल्ली आबकारी नीति केस में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली पीठ के सदस्य रहे, हालांकि उन्होंने गिरफ्तारी को उचित माना।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

MH One News As a passionate news reporter, I am driven by an insatiable curiosity and an unwavering commitment to truth. With a keen eye for detail and a relentless pursuit of stories, I strive to deliver timely and accurate information that empowers and engages readers.