चीन की चेतावनी को किया दरकिनार, अमेरिका पहुंची ताइवान की राष्ट्रपति

ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने चीन की चेतावनी को दरकिनार करते हुए अमेरिका पहुंच गई है. वेन आज न्यूयॉर्क पहुंची है. इस मामले में चीन ने चेतावनी देते हुए कहा की अगर ये बैठक होती है तो इससे गंभीर टकराव हो सकते है.

चीन की इस धमकी पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीन को वेन के दौरे को लेकर प्रतिक्रिया जरुरत से ज्यादा है. इससे पहले कुछ दिन पहले अमेरिका की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान पहुंचकर दुनिया में हलचल बढ़ा दी थी उस वक्त भी चीन ने धमकी दी थी और ताइवान से सटे इलाकों में सेना की गतिविधि तेज कर दी थी.

क्या है चीन-ताइवान विवाद


चीन हमेशा से वन चाइना पॉलिसी को मानता है इसके तहत ताइवान को एक अलग देश नही मानता बल्की ताइवान को चीन का ही हिस्सा बताते रहा है. ताइवान पहले चीन का हिस्सा था. दोनों देशों के बीच लंबे समय तक युद्ध चला. 1644 के दौरान जब चीन में चिंग वंश का शासन तो ताइवान उसी के हिस्से में था. 1895 में चीन ने ताइवान को जापान को सौंप दिया.

इसी के बाद से दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया. 1949 में चीन में गृहयुद्ध हुआ तो माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने चियांग काई शेक के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कॉमिंगतांग पार्टी को हरा दिया. इसके बाद कॉमिंगतांग पार्टी ताइवान पहुंच गई और वहां जाकर अपनी सरकार बना ली. दूसरे विश्वयुद्ध में जापान की हार हुई तो उसने कॉमिंगतांग को ताइवान का नियंत्रण सौंप दिया.