Haryana : नौकरी दिलाने के बहाने मानव तस्करी करने वाले 4 आरोपियों को गुरुग्राम पुलिस ने किया गिरफ्तार
हरियाणा की गुरुग्राम पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का खुलासा किया है, जो भारत के युवाओं को विदेशी नौकरियों का झांसा देकर म्यांमार ले जाता था और उन्हें ऑनलाइन ठगी करने पर मजबूर करता था।
हरियाणा की गुरुग्राम पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का खुलासा किया है, जो भारत के युवाओं को विदेशी नौकरियों का झांसा देकर म्यांमार ले जाता था और उन्हें ऑनलाइन ठगी करने पर मजबूर करता था। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि कई और लोगों पर जांच जारी है।
साइबर फ्रॉड कैंपों से बचाए गए 64 भारतीय
गुरुग्राम पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के संयुक्त अभियान के तहत हरियाणा के 64 युवाओं को म्यांमार के साइबर फ्रॉड कैंपों से सुरक्षित वापस लाया गया है। सभी युवाओं को काउंसलिंग के बाद उनके परिवारों से मिलाया गया। पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क बेहद संगठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है।
नौकरी के झांसा देकर भेजते थे थाईलैंड
जांच में सामने आया है कि गिरोह युवाओं को आकर्षक वेतन और विदेशी नौकरी का झांसा देकर थाईलैंड भेजता था। वहां से उन्हें “डंकी रूट” के जरिए म्यांमार पहुंचाया जाता था, जहां चीन और म्यांमार के आपराधिक गिरोह मिलकर साइबर ठगी कैंप चलाते थे। इन कैंपों को चीनी ऑपरेटर्स कंट्रोल करते थे, जो भारतीय युवाओं से अमेरिकी और अन्य देशों के नागरिकों को ऑनलाइन ठगने का काम करवाते थे।
चार आरोपी हुए गिरफ्तार
SP साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि भारत सरकार और थाईलैंड प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से करीब 1000 भारतीयों को वापस लाया गया है। उन्होंने कहा “गृह मंत्रालय के समन्वय में दो FIR दर्ज की गई हैं। भिवानी और हिसार के रहने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने युवाओं को थाईलैंड और म्यांमार भेजने की भूमिका निभाई।” गुरुग्राम पुलिस ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी और खुलासे हो सकते हैं। पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी ऑफर की जानकारी तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या स्थानीय थाने में देने की अपील की है।
“केके पार्क” बना साइबर फ्रॉड का गढ़
SP दीवान ने खुलासा किया कि म्यांमार में ‘केके पार्क’ नाम का कंपाउंड इस ठगी रैकेट का मुख्य अड्डा है। यहां से पूरे भारत में साइबर फ्रॉड ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। गिरफ्तार आरोपियों को हरियाणा और राजस्थान के युवाओं को भेजने के बदले बिटकॉइन में भारी रकम दी जाती थी।
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