सरकार ने अपने फैसले को लिया वापस, अब स्मार्टफोन में प्री-इंस्टॉल नहीं होगा ‘संचार साथी’ ऐप

मोदी सरकार ने 28 नवंबर का वह आदेश वापस ले लिया है जिसमें स्मार्टफोन कंपनियों को संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल करके फोन बेचने को कहा गया था।

Dec 3, 2025 - 17:44
Dec 3, 2025 - 18:11
 24
सरकार ने अपने फैसले को लिया वापस, अब स्मार्टफोन में प्री-इंस्टॉल नहीं होगा ‘संचार साथी’ ऐप
sanchara saathi app

कंपनियों को अपने डिवाइस में पहले से संचार साथी ऐप इंस्टॉल कर बेचने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश ने देशभर में निजता और आज़ादी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। DoT ने कंपनियों को 90 दिनों में यह बदलाव लागू करने और 120 दिनों में कंप्लायंस रिपोर्ट सौंपने को कहा था। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि संचार साथी ऐप को अनिवार्य नहीं, बल्कि पूरी तरह स्वैच्छिक रखा जाएगा, क्योंकि लोग बड़ी संख्या में इसे खुद ही डाउनलोड कर रहे हैं।

सरकार के अनुसार, पिछले 24 घंटों में लाखों लोगों ने यह ऐप इंस्टॉल किया है, जिससे यह भरोसा बढ़ा है कि इसके लिए किसी तरह की बाध्यता की ज़रूरत नहीं है। इससे पहले, एप्पल ने सरकार के आदेश को मानने से इंकार कर दिया था, क्योंकि वह अपने फ़ोन्स में किसी भी थर्ड-पार्टी ऐप को प्री-इंस्टॉल नहीं करता और उसने प्राइवेसी को लेकर भी चिंता जताई थी।

क्या था विवाद?

28 नवंबर को सरकार ने निर्देश दिया था कि भारत में बनेंगे या बिकेंगे-हर स्मार्टफोन में Sanchar Saathi पहले से मौजूद होना चाहिए और यूज़र चाहकर भी उसे डिलीट नहीं कर पाएंगे। कंपनियों को इसे लागू करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया था। आदेश जारी होने के बाद कंपनियों और आम लोगों दोनों ने विरोध जताया।

कंपनियों ने इसे अपनी नीतियों के खिलाफ बताया, जबकि यूज़र्स ने इसे निजी स्वतंत्रता और डेटा सुरक्षा में दखल के रूप में देखा। बढ़ते विवाद के बीच सरकार ने स्पष्टीकरण दिया कि ऐप को वैकल्पिक बनाया जाएगा और यूज़र चाहें तो इसे आसानी से हटा सकेंगे।

एप्पल का रुख

सरकार की सफाई के बाद भी एप्पल ने स्पष्ट रूप से आदेश मानने से मना कर दिया। उसका कहना था कि वह अपने यूज़र्स को किसी भी तरह का प्री-इंस्टॉल्ड थर्ड-पार्टी ऐप नहीं देता, साथ ही संचार साथी ऐप को लेकर प्राइवेसी से जुड़ी चिंताएँ भी हैं।

सरकार का अंतिम फैसला

लगातार बढ़ते विवाद और कंपनियों के विरोध के बाद सरकार ने यह आदेश पूरी तरह वापस ले लिया है। अब स्मार्टफोन्स में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करने की कोई बाध्यता नहीं होगी।

सरकार का कहना है कि संचार साथी ऐप की लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ रही है - अब तक 1.4 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं, और रोज़ाना लगभग 2,000 साइबर फ्रॉड शिकायतें ऐप के ज़रिए दर्ज की जा रही हैं। केवल पिछले 24 घंटों में ही 6 लाख नए यूज़र्स जुड़े हैं, जो सामान्य दिनों की तुलना में दस गुना ज्यादा है।

यह भी पढ़ें : PM मोदी ने पश्चिम बंगाल के BJP सांसदों के साथ की बैठक...

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

MH One News As a passionate news reporter, I am driven by an insatiable curiosity and an unwavering commitment to truth. With a keen eye for detail and a relentless pursuit of stories, I strive to deliver timely and accurate information that empowers and engages readers.