सरकार ने संसद में जनगणना की तारीख का किया ऐलान, जानें कितने चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया...

भारत की 2027 की जनगणना दो फेज़ में होगी। 2026 में हाउसहोल्ड लिस्टिंग और 2027 में पॉपुलेशन काउंट। जाति का डेटा भी इकट्ठा किया जाएगा और डिजिटली प्रोसेस किया जाएगा।

Dec 3, 2025 - 11:48
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सरकार ने संसद में जनगणना की तारीख का किया ऐलान, जानें कितने चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया...
Census 2027

भारत में 2027 की जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी। यह अभ्यास देश की आबादी, घरों की स्थिति और सामाजिक-आर्थिक प्रोफ़ाइल को विस्तार से दर्ज करने के लिए किया जाता है। लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इसकी विस्तृत समय-सीमा और प्रक्रिया की जानकारी साझा की।

पहला चरण: हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस 

पहला चरण 2026 में अप्रैल से सितंबर के बीच किसी भी 30-दिन के भीतर पूरा किया जाएगा। इस दौरान हर घर को गिना जाएगा, उसकी स्थिति, सुविधाओं और संबंधित विवरणों को दर्ज किया जाएगा। यह चरण जनगणना की नींव माना जाता है क्योंकि इसी के आधार पर आगे की आबादी की गणना की जाती है।

दूसरा चरण: जनसंख्या गणना

जनगणना का दूसरा और सबसे अहम चरण फरवरी 2027 में आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर इस गिनती के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि निर्धारित की गई है। हालाँकि, बर्फबारी और कठिन इलाकों-जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड-में यह प्रक्रिया पहले कराई जाएगी। इन क्षेत्रों के लिए गणना की आधिकारिक तिथि 1 अक्टूबर 2026 की रात 12 बजे तय की गई है।

कैसे होती है प्रश्नावली तैयार?

जनगणना का प्रश्नपत्र कई मंत्रालयों, विशेषज्ञ संस्थानों, सामाजिक संगठनों और सरकारी विभागों से सलाह-मशविरा करके तैयार किया जाता है। हर जनगणना में पिछले अनुभवों का अध्ययन कर सवालों को और उपयुक्त तथा वैज्ञानिक बनाने की कोशिश की जाती है।

जाति संबंधी आंकड़े भी होंगे शामिल

150 वर्षों से चल रही भारत की जनगणना परंपरा में इस बार एक बड़ा बदलाव किया गया है-इस बार जाति आधारित आंकड़ों का संग्रह भी शामिल किया जाएगा। इस प्रस्ताव को कैबिनेट कमिटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स ने 30 अप्रैल 2025 को मंज़ूरी दी थी। वहीं, 2027 की जनगणना पूरी तरह डिजिटल तरीके से आयोजित की जाएगी। इस प्रक्रिया में गणनाकार मोबाइल ऐप के माध्यम से सभी सूचनाएँ दर्ज करेंगे, जबकि नागरिकों को स्वयं ऑनलाइन जानकारी भरने का विकल्प भी मिलेगा। इस तरह के डिजिटल और पारदर्शी तरीके से किए जाने वाले आयोजन से जनगणना और अधिक सटीक, तेज़ और विश्वसनीय होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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