राजनीति में मछली की एंट्री, पीएम मोदी ने नॉनवेज खाने वालों को क्या बोला?

राजनीति में मछली की एंट्री, पीएम मोदी ने नॉनवेज खाने वालों को क्या बोला?

मछली पानी में कूदी छापाक, ये लाइन आपने इंस्टा पर रील्स स्क्रॉल करने के दौरान जरूर सुनी होगी। लेकिन अब मछली पानी में नहीं बल्कि सियासी तालाब में कूद गई है।

विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष तक के नेताओं ने मछली को अपने भाषण का हिस्सा बना लिया है। आसमान में उड़ता हेलीकॉप्टर से शुरू हुआ जुबानी जंग अब राजनीतिक रैलियों का हिस्सा बन गया है।

दरअसल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कुछ दिनों पहले VIP प्रमुख मुकेश साहनी के साथ मछली खाते हुए एक वीडियो साझा किया था। जिसका कैप्शन उन्होंने लिखा था चुनावी भागदौड़ एवं व्यस्तता के बीच हेलिकॉप्टर में भोजन।

अब इस वीडियो के सामने आते ही भाजपा उन पर हमलावर हो गई। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय सिन्हा ने अपने एक्स अकाउंट से एक वीडियो साझा करते हुए इसे सनातन का अपमान बता दिया।

उन्होंने लिखा कि कुछ लोग सनातन के संतान बनते हैं, लेकिन सनातन के संस्कार को अपना नहीं पाते हैं। दरअसल, भाजपा के अनुसार, चैत्र नवरात्र शुरू हो चुका है और ऐसे में तेजस्वी यादव के द्वारा ये वीडियो डालना हिन्दू समाज को चिढ़ाने के लिए था।

हालांकि, जब भाजपा नेताओं के ओर से हमला तेज हुआ तो तेजस्वी यादव ने एक और ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि भाजपाइयों और गोदी मीडिया के भक्तों के 𝐈𝐐 का टेस्ट लेने के लिए ही हमने यह वीडियो डाला था और हम अपनी सोच में सही भी साबित हुए।

ट्वीट में “दिनांक” यानि 𝐃𝐚𝐭𝐞 लिखा हुआ है, लेकिन बेचारे अंधभक्तों को क्या मालूम? आख़िर में सहनी जी द्वारा मिर्ची लगने का भी जिक्र किया गया है।

हालांकि, यह मुद्दा यहां समाप्त नहीं हुआ। बल्कि करीब 7 महीने पहले लालू यादव और राहुल गांधी का मटन बनाने वाला वीडियो फिर से जीवंत हो गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा में इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया। जम्मू के उधमपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नॉनवेज बनाने और खाने वाले इन वीडियो पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्हें लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने में मजा आता है।

कोर्ट ने जिसको सजा दी है, जो जमानत पर है, ऐसे मुजरिम के घर जाकर सावन के महीने में मटन बनाने की मौज ले रहे हैं। इतना ही नहीं, उसका वीडियो बनाकर देश के लोगों को चिढ़ाने का काम करते हैं।

कानून किसी को खाने से नहीं रोकता, ना ही मोदी रोकता है। सबको स्वतंत्रता है कि जब मन करे वेज खाएं या नॉनवेज खाएं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि जब मुगल आक्रमण करते थे, सत्ता राजा को पराजित करने से संतोष नहीं होता था।

जब तक मंदिर तोड़ते नहीं थे, उनको संतोष नहीं होता था। उनको मजा आता था। सावन के महीने में वीडियो दिखाकर मुगल के जमाने की मानसिकता है ना, उसके द्वारा वो चिढ़ाना चाहते हैं। अपनी वोट बैंक पक्का करना चाहते हैं।

अब मछली के नाम पर राजनीति हो जाए, ये सिर्फ भारत में हो सकता है। हालांकि, तेजस्वी यादव ने ये वीडियो क्यों डाला था? इसका जवाब मिलना थोड़ा मुश्किल है। क्या वो मल्लाह वोटर को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते थे या फिर ये एक सामान्य भोजन था?

इन सब से इतर एक बात तो स्पष्ट है कि लोकसभा चुनाव के लिए जो मुद्दे होने चाहिए, उनकी गूंज कम और जिस मुद्दे का आम लोगों से कोई वास्ता नहीं है, वो अधिक सुनाई दे रहा है। हालांकि, अभी तो चुनाव का माहौल बनना शुरू हुआ है। आगे-आगे देखिए होता है क्या?