कांग्रेस मुक्त भारत अभियान को बीजेपी अपने हिसाब से लगभग अंजाम तक पहुंचा चुकी है। लेकिन बहुत कम समय में राष्ट्रीय दल बनने वाली आम आदमी पार्टी सत्ताधारी भाजपा के लिए गले की फांस बनी हुई है।
वैसे तो बीजेपी कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करके पिछले 10 साल से सरकार में है। अब कांग्रेस भी ठंडी पड़ चुकी है। लेकिन आम आदमी पार्टी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है।
इसकी एक झलक हमें दिल्ली, पंजाब और गुजरात के चुनावों में देखने को मिली है। आम आदमी पार्टी की सरकार भाजपा को पूरी टक्कर देती रही है।
आम आदमी पार्टी दूसरे राज्यों में भी अपने पक्ष में एक अच्छा और पॉजिटिव माहौल बना रही है और अपने प्रति जनता का विश्वास जुटा रही है।
लेकिन इस सबके बीच आम आदमी पार्टी पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता भी दिख रहा है। आप के नेताओं का आरोप है कि पिछले कुछ चुनावों में उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा उनकी पार्टी के अस्तित्व को खत्म करना चाहती है।
ED के चक्रव्यूह में फंसी AAP
पार्टी के नेताओं की बयानबाजी से परे हटकर भी देखा जाए, तो यह बात कई हद तक सच है। क्योंकि एक के बाद एक आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं को जेल भेजा गया है।
सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नायर जैसे कई नेताओं को राहत नहीं मिल रही है। खुद पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
आप के कई नेताओं के ठिकानों पर ED की छापेमारी लगातार चल रही है। इस वक्त आम आदमी पार्टी ईडी के चक्रव्यूह में फंस चुकी है।
वो भी ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव एक दम सिर पर है। ऐसे में देखना यही होगा कि केजरीवाल अपनी पार्टी को ईडी के चक्रव्यूह से कैसे निकल पाएंगे।
बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला नीति मामले में सीएम केजरीवाल को 17 फरवरी को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।
इस मामले में आम आदमी पार्टी के नेता कह रहे हैं कि हम कोर्ट को बताएंगे कि कैसे ईडी के सभी समन गैरकानूनी हैं।
जिस ईडी ने आप की टेंशन बढ़ा रखी है अब उसी के नोटिस को अदालत में गैर कानूनी बताया जाएगा और ऐसा सच निकला तो ये आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है।
AAP पर जांच एजेंसियों की पैनी नजर
पिछले कुछ दिनों में देखा गया है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं की बयानबाजी पर भाजपा के साथ-साथ जांच एजेंसियों ने भी पैनी नजर रख हुई है।
यदि पार्टी के नेता चुनावों तक ऐसा कोई भी बयान देने से बचते हैं, जिससे उन्हें किसी संकट का सामना करना पड़े तो अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में मजबूती से ताल ठोक सकती है।
वहीं सीएम केजरीवाल ने अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। चाहे वो दूसरे राज्यों में जाकर कार्यकर्ताओं से मिलना हो या दिल्ली में बैक टू बैक स्कूलों का उद्घाटन करना हो। साथ ही साथ वो भाजपा को भी हर मोर्चे पर घेर रहे हैं।
अगर आम आदमी पार्टी के पक्ष में कोर्ट का कोई फैसला आता है या आप कोर्ट और जांच एजेंसी के समक्ष सटीक जवाब देती है, तो दिल्ली समेत जहां-जहां पार्टी चुनाव लड़ेगी वहां उसे सिंपथी वोट भी मिल सकते हैं।