Delhi Air Pollution: दिवाली से पहले हवा हुई दम घोंटू, वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज

राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। हालांकि, मौसम की स्थिति अनुकूल होने की संभावनाओं के मद्देनजर शहर में दिवाली से ठीक पहले प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे 420 दर्ज किया गया, जबकि बुधवार शाम चार बजे यह 426 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा तैयार एक्यूआई मानचित्र में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कई जगहों पर लाल बिंदू (खतरनाक वायु गुणवत्ता का संकेत) दिखाए गए हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों के मुताबिक, एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं के योगदान को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, हवा की धीमी गति इस प्रक्रिया पर विपरीत असर डालेगी।

अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद हवा की गति मौजूदा समय में लगभग पांच से छह किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 11 नवंबर को लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी, जिससे दिवाली से पहले प्रदूषक तत्वों को तितर-बितर करने में मदद मिलेगी।

दिल्ली के ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को 38 फीसदी प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने से निकला धुआं जिम्मेदार था। बृहस्पतिवार को शहर में प्रदूषण के स्तर में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान 27 फीसदी और शुक्रवार को 12 फीसदी रहने की आशंका है।

आंकड़ों में परिवहन को भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया गया है, जो दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा हवा में 12 से 14 फीसदी योगदान दे रहा है।