वीवो कंपनी के 3 अधिकारियों को अदालत ने दी जमानत, आदेश को चुनौती देगा ईडी

वीवो कंपनी के 3 अधिकारियों को अदालत ने दी जमानत, आदेश को चुनौती देगा ईडी

दिल्ली की एक अदालत ने इस महीने धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हिरासत में लिये गए वीवो-इंडिया के 3 अधिकारियों को शनिवार को जमानत दे दी।

अदालत ने यह कहते हुए राहत दी कि आरोपियों को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया, इसलिए उनकी ‘हिरासत अवैध थी।’

तीनों ने दावा किया था कि उन्हें 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था, न कि 22 दिसंबर को, जैसा कि ईडी ने रिकॉर्ड में दर्ज किया था।

हालांकि, पटियाला हाउस में अवकाशकालीन न्यायाधीश शिरीष अग्रवाल की अदालत ने तीनों चीनी नागरिक एवं वीवो-इंडिया के अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होंग जुक्वान उर्फ ​​टेरी, मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को 3 जनवरी तक हर रोज ईडी के कार्यालय में उपस्थिति दर्ज कराने को कहा।

इससे पहले, ईडी ने अदालत को बताया कि उसे आशंका है कि आरोपी ‘‘सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं’’ और वह शीतकालीन छुट्टियों के बाद 3 जनवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय में कामकाज शुरू होने पर इस आदेश के खिलाफ अपील करना चाहता है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, उच्च न्यायालय के समक्ष इस जमानत आदेश के खिलाफ अपील करते समय एजेंसी द्वारा उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले का हवाला देने की उम्मीद है।

शीर्ष अदालत ने सुपरटेक के प्रवर्तक आर. के. अरोड़ा की जमानत याचिका को खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश को बरकरार रखा था। आदेश में कहा गया था कि गिरफ्तारी के आधार विधिवत बताए गए थे और ईडी द्वारा उन्हें सूचित किया गया।

उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय एजेंसी के पक्ष में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी द्वारा अपनायी जाने वाली गिरफ्तारी प्रक्रिया को और स्पष्ट किया था।

ईडी ने पिछले साल जुलाई में वीवो-इंडिया और उससे जुड़े लोगों पर छापेमारी की थी और चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े धनशोधन रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था।

यह आरोप लगाया गया था कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो-इंडिया द्वारा 62,476 करोड़ रुपये ‘अवैध रूप से’ चीन भेजे गए।