कांग्रेस की बढ़ रही मुश्किलें, पुरी से प्रत्याशी का चुनाव लड़ने से इनकार

कांग्रेस की बढ़ रही मुश्किलें, पुरी से प्रत्याशी का चुनाव लड़ने से इनकार

देश में लोकसभा चुनाव को लेकर हर एक राजनीतिक दल जोरो शोरो से प्रचार प्रसार में लगी हुई है. एक ओर जहां भाजपा लगातार कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमलावर नजर आ रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अपने अंतर्कलह से बाहर नहीं निकल पा रही है.

सुचारिता मोहंती ने नामांकन लिया वापस

दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात के बाद चुनाव के मध्य में ओडिशा और पंजाब से कांग्रेस के लिए बुरी खबर सामने आई है. ओडिशा की पूरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुचारिता मोहंती ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. उन्होंने इसका कारण आर्थिक सहयोग ना मिलना बताया है. नामांकन वापस लेने के बाद सुचारिता मोहंती ने कहा कि मैं एक नौकरीपेशा पत्रकार रहीं, जो 10 साल पहले ही राजनीति में सक्रिय हुईं। मैंने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी और चुनाव प्रचार के लिए लोगों से भी दान लेने की कोशिश की, लेकिन उसमें भी सफलता नहीं मिली। मैंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से भी अपील की कि वह पार्टी फंड से जरूरी फंडिंग करें ताकि पुरी लोकसभा सीट पर प्रभावशाली प्रचार किया जा सके। लेकिन वहां भी निराशा हाथ लगी.

पंजाब में भी दो नेताओं ने छोड़ी पार्टी

इसके अलावा पंजाब में भी दो कांग्रेस नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है. टिकट ना मिलने के कारण पार्टी में भारी गुटबाजी देखने को मिल रही है. इस गुटबाजी के कारण दो सीटों पर नाराज नेताओं ने पार्टी को ही अलविदा कह दिया है, जबकि पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता रहे डॉ. राजकुमार चब्बेवाल ने पार्टी को अलविदा कहकर आप जॉइन कर ली। इसके बाद चब्बेवाल को ही आप ने होशियारपुर सीट से कांग्रेस के खिलाफ मैदान में उतार दिया है। हालांकि, नाराजगी इतनी अधिक है कि खुद राहुल गांधी मनाने के लिए संपर्क कर रहे हैं.

पटियाला की बात करें, तो यहां पूर्व सांसद डॉ धर्मवीर गांधी को कांग्रेस जॉइन कराके टिकट देने से टकसाली कांग्रेसियों में खासी नाराजगी है। इनमें राजपुरा, घन्नौर, समाना के पूर्व विधायक व मौजूदा हलका इंचार्जों के अलावा पूर्व कैबिनेट मंत्री लाल सिंह व पूर्व विधायक निर्मल सिंह शुतराणा शामिल हैं। वहीं, अमृतसर में पूर्व डिप्टी सीएम ओपी सोनी भी टिकट के दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने मौजूदा सांसद गुरजीत सिंह औजला पर ही दोबारा दांव खेलना उचित माना। इससे सोनी खेमा नाराज बताया जा रहा है। अब चुनाव के बीच जो स्थिति कांग्रेस के अंदर पैदा हुई है, इससे जरूर कांग्रेस हाई कमान चिंतित होगी. अब देखना यह है कि जो पार्टी के अंदरखाने बवाल मची हुई है, उसे कैसे शांत करती है.