सीएम मान ने की मालवा नहर के काम की समीक्षा, स्वतंत्रता के बाद पंजाब में बनने वाली पहली नहर

Jul 28, 2024 - 08:38
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सीएम मान ने की मालवा नहर के काम की समीक्षा, स्वतंत्रता के बाद पंजाब में बनने वाली पहली नहर
सीएम मान ने की मालवा नहर के काम की समीक्षा, स्वतंत्रता के बाद पंजाब में बनने वाली पहली नहर

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य एक नया इतिहास रचने की दहलीज पर है, क्योंकि राज्य के इतिहास में पहली बार दक्षिणी पंजाब की सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नई नहर 'मालवा नहर' खोदी जा रही है। मुख्यमंत्री ने मालवा नहर के चल रहे कार्य का निरीक्षण करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह सर्वविदित है कि राज्य की किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य की इस आवश्यकता की ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की इस घोर लापरवाही के कारण भूजल का अत्यधिक दोहन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश ब्लॉक डार्क जोन में तब्दील हो गए।

भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि लगभग 150 किलोमीटर लम्बी यह नई नहर राज्य विशेष रूप से मालवा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति और समृद्धि के एक नए युग की शुरूआत करेगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार इस प्रतिष्ठित परियोजना पर लगभग 2300 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिससे राज्य की लगभग दो लाख एकड़ उपजाऊ भूमि की सिंचाई की जरूरतें पूरी होंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने से बहुत पहले ही इस परियोजना की कल्पना कर ली थी। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसका उद्देश्य राज्य और विशेष रूप से मालवा क्षेत्र के समग्र विकास और प्रगति को गति देना है।

मुख्यमंत्री ने पिछले शासकों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पंथ के नाम पर वोट मांगने वालों ने कभी ऐसा कदम उठाने की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने कहा कि अकाली नेता ऐसे प्रोजेक्ट लागू करने के बजाय अपने खेतों को पानी पहुंचाने में ज्यादा रुचि रखते हैं, जो आम आदमी की किस्मत बदल सकते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसे जनविरोधी रुख के कारण इन नेताओं को मतदाताओं ने पूरी तरह से नकार दिया और मौजूदा सरकार को भारी बहुमत दिया। मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि लोकसभा सांसद हरसिमरत कौर बादल राज्य के पानी के लिए रॉयल्टी मांगने के मुद्दे पर मगरमच्छ के आंसू बहा रही हैं। 

उन्होंने लोकसभा सांसद को याद दिलाया कि 1970 के दशक से लेकर अब तक उनका परिवार राज्य की सत्ता पर काबिज रहा है, लेकिन उन्होंने कभी भी इस मुद्दे को कहीं नहीं उठाया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब जब राज्य के लोगों ने उन्हें राजनीतिक गुमनामी में भेज दिया है, तो बादल परिवार इन मुद्दों को उठा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के समझदार लोग इस परिवार का असली चेहरा जानते हैं और वे उनके पापों के लिए उन्हें कभी नहीं बख्शेंगे।

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