सीएम मान ने पेरिस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करने में विफल रहने के लिए की केंद्र सरकार की आलोचना
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करने में विफल रहने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। बुधवार को पहलवान विनेश फोगट के पैतृक गांव का दौरा कर उनके परिवार से मुलाकात करने वाले मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय खिलाड़ियों को मौजूदा ओलंपिक में सौतेला व्यवहार झेलना पड़ रहा है, लेकिन भारत सरकार इस मुद्दे पर चुप है। उन्होंने कहा कि फोगाट को बिना किसी औपचारिकता के बाहर कर दिया गया, जबकि उसने सेमीफाइनल तक अन्य देशों की पहलवानों को हराया था और ओलंपिक स्वर्ण पदक की प्रबल संभावना थी। वहीं बिना किसी गलती के भारतीय हॉकी खिलाड़ी को रेड कार्ड दिया गया, जो अनुचित और अवांछनीय है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि भारत सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ मूकदर्शक बने हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ तो केंद्र सरकार यह दावा कर रही है कि भारत ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन दूसरी तरफ देश के खिलाड़ियों के हितों की रक्षा नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने चल रहे खेलों के दौरान अनुकरणीय खेल भावना का प्रदर्शन किया है, लेकिन केंद्र सरकार की गलतियों के कारण वे पदक नहीं जीत पाए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अगर खिलाड़ियों को मात्र 200 ग्राम वजन बढ़ने के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है तो कोच, फिजियोथेरेपिस्ट व अन्य को मोटी फीस किस लिए दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी सिर्फ इसलिए छुट्टी पर चले गए क्योंकि वे खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करने में सक्षम नहीं थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा यूक्रेन में चल रहे युद्ध को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने के बारे में हर दिन बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन इन खेलों के लिए कड़ी मेहनत करने वाले खिलाड़ियों को अकेले ही परेशान होना पड़ रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पूरा देश देश की बहादुर बेटी विनेश फोगाट के साथ है, जो पदक से इसलिए चूक गई, क्योंकि केंद्र सरकार ने उसे अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील दायर करने की भी जहमत नहीं उठाई।
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