सीएम मान ने लोगों से पौधारोपण अभियान को जन आंदोलन में बदलने का किया आह्वान

Aug 7, 2024 - 09:42
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सीएम मान ने लोगों से पौधारोपण अभियान को जन आंदोलन में बदलने का किया आह्वान
सीएम मान ने लोगों से पौधारोपण अभियान को जन आंदोलन में बदलने का किया आह्वान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने लोगों से आह्वान किया कि वे पौधारोपण मुहिम को जन आंदोलन में तब्दील करें, ताकि एक तरफ पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सके और दूसरी तरफ राज्य के हरित आवरण को बढ़ाया जा सके। वन महोत्सव के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक अनूठी पहल है जिसका उद्देश्य राज्य भर में हरियाली को बढ़ाना है। गुरबाणी की पंक्ति ‘पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत’ का हवाला देते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि महान गुरुओं ने पवन को शिक्षक, पानी को पिता और धरती को माता के समान बताया है। उन्होंने कहा कि उस समय पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली कोई औद्योगिक इकाई नहीं थी, लेकिन यह महान गुरुओं की दूरदर्शिता थी, जिसका उद्देश्य प्रदूषण को रोकना था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें गुरबाणी की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए, ताकि राज्य के पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेकर राज्य के प्राचीन गौरव को बहाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस नेक कार्य के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी तथा राज्य के लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाकर राज्य सरकार का सहयोग करना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए पौधारोपण अभियान को जन आंदोलन में बदलना समय की मांग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित रखने तथा ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए कार्बन क्रेडिट योजना शुरू करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि टेरी के सहयोग से राज्य में यह परियोजना शुरू की गई है और पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राज्य भर के 3686 किसानों को चार किस्तों में 45 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे।

भगवंत सिंह मान ने इस महत्वाकांक्षी योजना की पहली किस्त के रूप में होशियारपुर जिले के 818 किसानों को 1.75 करोड़ रुपये के चेक भी वितरित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह धनराशि प्रत्यक्ष लाभ योजना के माध्यम से किसानों को हस्तांतरित की जाएगी और पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि यह योजना 'प्रदूषक भुगतान सिद्धांत' पर आधारित है, जिसके तहत प्रदूषक कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए काम करने वाले संगठनों/किसानों को मुआवजा देते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों द्वारा लगाए गए पौधे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए वे इस योजना के पात्र लाभार्थी हो सकते हैं।    

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करके मनुष्य ने प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि इसी कारण से हम पूरे देश में प्राकृतिक प्रकोप देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका एकमात्र समाधान अधिक से अधिक पेड़ लगाना है। भगवंत सिंह मान ने किसानों को सलाह दी कि हर अन्नदाता जो मुफ्त बिजली प्राप्त कर रहा है, उसे अपने खेतों में कम से कम चार पेड़ अवश्य लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए इसे कानून का रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला था, उस समय केवल 21 प्रतिशत नहरी पानी का ही उपयोग हो रहा था। उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व और संतोष की बात है कि आज 72 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा रहा है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि नई कंडी नहर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे 11,000 एकड़ भूमि को लाभ मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि धार कलां में 206 मेगावाट का बांध बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य और इसके लोगों की भलाई के लिए अनुकरणीय पहल की है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार उनकी सरकार ने राज्य में मालवा नहर के निर्माण का काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि यह बात सर्वविदित है कि राज्य की किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य की इस आवश्यकता की ओर ध्यान नहीं दिया। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि लगभग 150 किलोमीटर लम्बी यह नई नहर राज्य में विशेष रूप से मालवा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति और समृद्धि के एक नए युग की शुरूआत करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस प्रतिष्ठित परियोजना पर लगभग 2300 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जो राज्य की लगभग दो लाख एकड़ उपजाऊ भूमि की सिंचाई जरूरतों को पूरा करेगी।

शिअद नेता सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री अपनी राजनीतिक चालबाजियों के जरिए लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि बादल परिवार के वारिस अब अपने किए की माफी मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें एक बात याद रखनी चाहिए कि गलत कामों के लिए माफी तो मिल सकती है, लेकिन पाप क्षमा योग्य नहीं होते।भगवंत सिंह मान ने कहा कि बादल परिवार ने राज्य और यहां के लोगों के खिलाफ जघन्य पाप किए हैं, जिन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बेअदबी की घटना के बारे में सबूत जुटा रही है और कहा कि इस अपराध का असली दोषी जल्द ही सलाखों के पीछे होगा। 

बागी अकाली नेतृत्व पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये नेता अब इस मुद्दे पर मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं, जबकि वे इन पापों के दौरान बादल परिवार का अभिन्न अंग थे।भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये नेता अब केवल बयान जारी करके पाप से मुक्त नहीं हो सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे दिन अब चले गए जब सरकार चंडीगढ़ स्थित कार्यालयों से चलती थी। उन्होंने कहा कि लोगों के समय, धन और ऊर्जा की बचत के लिए अब सरकार गांवों और शहरों से चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही अपनी प्रमुख योजना सरकार तुहाड़े द्वार शुरू कर दी है, जिसके तहत लोगों को उनके घर-द्वार पर नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए गांव स्तर पर शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों के कल्याण के लिए आने वाले दिनों में इस तरह की और भी जन-समर्थक पहल की जाएंगी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ब्रह्मशंकर जिम्पा और लाल चंद कटारूचक, लोकसभा सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल और अन्य भी उपस्थित थे।

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