राजस्थान की इन 7 अहम सीटों पर बीजेपी ने सांसदों पर खेला दांव

राजस्थान की इन 7 अहम सीटों पर बीजेपी ने सांसदों पर खेला दांव

राजस्थान से कुछ ही देर में चुनाव के रुझान आने शुरू होंगें। यहां 199 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ था। राजस्थान की सत्ता पर कौन राज करेगा, इसका फैसला आज होना है। आज सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू हो जाएगी।

पहली सीट

सबसे पहली सीट है झोटवाड़ा विधानसभा सीट। झोटवाड़ा सीट जयपुर शहर की सबसे हॉट सीटों में से एक है। यहां साल 2018 में कांग्रेस के लालचंद कटारिया ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार लालचंद कटारिया ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।

इसलिए 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के अभिषेक चौधरी और भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के बीच है। लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में झोटवाड़ा से आशु सिंह सुरपुरा भी मजबूती से मैदान में रहे हैं।

2023 में इस सीट पर 71.52 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से -0.45 फीसदी घटा है। पिछले चुनाव में यहां 71.97 प्रतिशत मतदान हुआ था।

दूसरी सीट

दूसरी सीट है अलवर की तिजारा सीट। यह अलवर की सबसे हॉट सीट है। महंत बाबा बालकनाथ अलवर से सांसद हैं। बीजेपी ने उन्हें तिजारा विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला कांग्रेस के इमरान खान के साथ है।

बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में शामिल बाबा बालकनाथ का पहनावा योगी आदित्यनाथ की तरह रहता है। इसलिए उन्हें लोग राजस्थान का योगी भी कहते हैं।

आजतक एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में जब लोगों से सीएम पद के लिए सवाल किया गया, तो लोगों की पहली पसंद अशोक गहलोत थे। वहीं दूसरी पसंद बालकनाथ को बताया गया।

2023 में इस सीट पर 86.11 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से 4.03 फीसदी ज्यादा है। पिछले चुनाव में यहां 82.08 प्रतिशत मतदान हुआ था।

तीसरी सीट

इसके बाद तीसरी सीट है जालौर की सांचौर विधानसभा सीट। इस सीट पर वर्तमान भाजपा सांसद देव जी पटेल को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। उन्हें कांग्रेस के सुखराम विश्नोई के सामने मैदान में उतारा है।

सुखराम विश्नोई गहलोत सरकार में मंत्री है। वह इलाके के कद्दावर नेता माने जाते हैं। बता दें कि सांचौर विधानसभा में 1951 से अब तक 16 बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं, जहां बीजेपी केवल 2 बार ही जीत दर्ज कर पाई है। सांचौर शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है।

इस सीट पर 1990 में लक्ष्मीचंद मेहता और 2003 में जीवाराम चौधरी ने बीजेपी को बड़ी जीत दिलाई थी। वहीं इसके बाद हुए चुनावों में 2008 में जीवाराम चौधरी निर्दलीय जीतकर आए थे और 2013, 2018 के चुनावों में कांग्रेस से सुखराम बिश्नोई जीते थे।

चौथी सीट

चौथी सीट है किशनगढ़ विधानसभा सीट। किशनगढ़ से इस बार कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में विकास चौधरी पर विश्वास जताया है। बीजेपी की बात करें तो भागीरथ चौधरी पर बीजेपी ने दांव खेला है।

2023 के विधानसभा चुनाव में किशनगढ़ विधानसभा में 76.21 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं 2018 के चुनाव में किशनगढ़ में 74.16 प्रतिशत मतदान हुआ था। किशनगढ़ विधानसभा सीट पर 2018 में निर्दलीय प्रत्याशी सुरेश टांक जीते थे।

पांचवी सीट

पांचवीं सीट है मंडावा विधानसभा सीट। राजस्थान विधानसभा चुनाव में झुंझुनूं जिले की मंडावा सीट पर बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर रहने वाली है। दोनों पार्टियां यहां पूरा दमखम लगाए हुए हैं। कांग्रेस की ओर से यहां की मौजूदा विधायक रीटा चौधरी खड़ी हुई हैं।

जबकि, उनका सामना भाजपा के झुंझुनू से मौजूदा सांसद नरेंद्र कुमार से है। बता दें, मंडावा का चुनावी इतिहास भी बेहद दिलचस्प रहा है। मंडावा विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है।

यहां से 9 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि भाजपा यहां पर सिर्फ एक बार ही खाता खोल सकी है। मंडावा विधानसभा सीट से 6 बार कांग्रेस के रामनारायण चौधरी विधायक चुने गए हैं।

1967 में रामनारायण चौधरी यहां से पहली बार विधायक बने और 1977 तक उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाईं थी। इसके बाद 1993 से 2003 के बीच रामनारायण चौधरी ने एक बार फिर जीत की हैट्रिक लगाई।

छठी सीट

छठवीं सीट है सवाई माधोपुर विधानसभा सीट। राजस्थान विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर की सीट पर भी लोगों नजरें टिकी हुई है। क्योंकि बीजेपी ने यहां से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को मैदान में उतारा है।

वर्तमान में यहां के विधायक दानिश अबरार (कांग्रेस) हैं। कांग्रेस इस सीट पर फिर से दानिस अबरार पर ही भरोसा जताया है। यह सीट इस मामले में भी दिलचस्प हो गया है क्योंकि यहां से बीजेपी ने आशा मीणा को टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलयी चुनाव लड़ रही हैं।

सातवीं सीट

सातवीं सीट है विद्याधर नगर विधानसभा सीट। लोकसभा सांसद दीया कुमारी को भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने इस कद्दावर नेता के खिलाफ सीताराम अग्रवाल को टिकट दिया है।

जयपुर की राजकुमारी दीया कुमारी महाराजा सवाई सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की पुत्री हैं। जयपुर शहर की इस सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। दीया कुमारी के लिए विद्याधर नगर आसान सीट मानी जा रही है।