PM मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले ‘तिरंगे’ में रंगा गया बख्शी स्टेडियम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आ रहे हैं और उनके आगमन से पहले यहां बख्शी स्टेडियम को राष्ट्रीय तिरंगे के रंगों में रंगा गया है, साथ ही सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी स्टेडियम में ‘विकसित भारत, विकसित जम्मू कश्मीर’ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे के लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए है। राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद प्रधानमंत्री पहली बार प्रदेश की यात्रा पर आ रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की श्रीनगर की यात्रा के दौरान वह जिन मार्ग से गुजरेंगे वहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, जबकि वीवीआईपी दौरे के दौरान लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए कई स्थानों पर अवरोधक लगाए गए हैं।

निगरानी के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि कार्यक्रम स्थल के आसपास दो किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा बल पैदल गश्त कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी विध्वंसक गतिविधि को अंजाम देने के लिए झेलम नदी और डल झील जैसे जल निकायों का उपयोग रोकने के मकसद से समुद्री कमांडो तैनात किए गए हैं।

प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान उनके रास्ते में पड़ने वाले कई विद्यालय बुधवार और बृहस्पतिवार के लिए बंद कर दिए गए हैं, जबकि बृहस्पतिवार को होने वाली बोर्ड की परीक्षाएं अगले महीने तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं।

बुधवार को जारी किए गए आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर में कृषि-अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए लगभग 5,000 करोड़ रुपये के ‘समग्र कृषि विकास कार्यक्रम’ (एचएडीपी) की शुरुआत करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी स्वदेश दर्शन और प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान) योजना के अंतर्गत 1,400 करोड़ रुपये से अधिक राशि की पर्यटन क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं की शुरुआत भी करेंगे। इसमें ‘हजरतबल तीर्थ का एकीकृत विकास’, श्रीनगर परियोजना भी शामिल है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कार्यक्रम के अंतर्गत, लगभग 2,000 किसान ‘खिदमत घर’ स्थापित किए जाएंगे और कृषक समुदाय के कल्याण के लिए मजबूत मूल्य शृंखलाओं की स्थापना की जाएगी। बयान के अनुसार इस कार्यक्रम से रोजगार सृजन होगा जिससे जम्मू-कश्मीर के लाखों सीमांत परिवार लाभान्वित होंगे।