कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने मानसा में कपास की फसल का किया आकलन

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि हाल ही में कृषि विभाग की टीमों द्वारा मानसा जिले में 198 स्थानों का सर्वेक्षण किया गया है। यहां केवल तीन स्थानों पर सफेद मक्खी से होने वाले नुकसान का असर देखा गया।

Aug 3, 2024 - 11:46
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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने मानसा में कपास की फसल का किया आकलन
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने मानसा में कपास की फसल का किया आकलन

कपास की फसल पर कीटों के हमले का आकलन करने के लिए जमीनी स्तर की रणनीति अपनाते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कपास के खेतों की स्थिति का व्यक्तिगत तौर पर मूल्यांकन करने के लिए मानसा जिले के कुछ गाँवों का दौरा किया। गुरमीत सिंह खुडियां ने आम आदमी पार्टी पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष एवं बुढलाडा विधायक प्रिंसिपल बुध राम, सरदूलगढ़ विधायक गुरप्रीत सिंह बनवाली तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रामनगर भठल, झुनीर तथा खियाली चेहलां वाली गांवों में कपास के खेतों का निरीक्षण किया।

उन्होंने बताया कि कृषि विभाग की टीमों ने हाल ही में मानसा जिले में 198 स्थानों का सर्वेक्षण किया है और अब तक गुलाबी सुंडी का कोई हॉटस्पॉट नहीं देखा गया है। केवल तीन स्थान ही व्हाइटफ्लाई के नुकसान के लिए आर्थिक सीमा स्तर (ईटीएल) से ऊपर पाए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि कीटों के हमले को रोकने के लिए कपास की फसल की नियमित निगरानी के लिए दो संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों की देखरेख में 128 कीट निगरानी टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें मुक्तसर, फाजिल्का, फरीदकोट, मोगा, बठिंडा, मानसा, बरनाला और संगरूर जिलों में कपास की फसलों की निगरानी कर रही हैं।

कृषि मंत्री ने आगे बताया कि बठिंडा जिले में 52 टीमों द्वारा 274 खेतों का सर्वेक्षण किया गया। फाजिल्का जिले में 15 कीट निगरानी टीमों द्वारा 126 खेतों में कीट निगरानी की गई, जबकि श्री मुक्तसर साहिब जिले में 27 निगरानी टीमों द्वारा 163 प्लाटों में तथा मानसा जिले में 13 टीमों द्वारा 198 खेतों में कीट निगरानी की गई। उन्होंने कहा कि इन टीमों द्वारा गहन निगरानी की गई है और किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे जहां भी आवश्यक हो, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) द्वारा अनुशंसित कीटनाशकों का उपयोग करें।

उन्होंने कहा कि कपास क्षेत्र के किसानों को फसल की वृद्धि बढ़ाने तथा सफेद मक्खी के हमले से निपटने के लिए फसल की सिंचाई करने की लगातार सलाह दी जा रही है। श्री गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कपास के खेतों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करें तथा जहां भी आवश्यक हो, उनकी मौजूदगी में अनुशंसित कीटनाशकों का प्रयोग करें।

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