आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए योगी सरकार की पहल, आंगनबाड़ी केंद्रों को ‘बालवाटिका’ बनाएगी UP सरकार
सरकार की इस योजना के बाद आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ पोषण या देखभाल तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि 3 से 6 साल के बच्चों को शुरुआती शिक्षा के लिए बेहतर माहौल भी मिलेगा। इस अभियान का नाम सुनहरी शुरुआत बालवाटिका के साथ रखा गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार 16 अप्रैल से एक खास अभियान शुरू करने जा रही है। सरकार ने इस योजना का नाम बालवाटिका अभियान रखा है। यह अभियान 29 अप्रैल तक चलेगा और इसका मकसद राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों को छोटे बच्चों के लिए बेहतर प्री-स्कूल कक्षाओं में बदलना है ताकि बुनियादी शिक्षा को बेहतर बनाया जा सके। सरकार का मानना है कि अगर बच्चों की शुरुआती शिक्षा मजबूत होगी तो आगे की शिक्षा भी मजबूत होगी।
सरकार की इस योजना के बाद आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ पोषण या देखभाल तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि 3 से 6 साल के बच्चों को शुरुआती शिक्षा के लिए बेहतर माहौल भी मिलेगा। इस अभियान का नाम सुनहरी शुरुआत बालवाटिका के साथ रखा गया है। इसका मकसद न सिर्फ बच्चों को बेहतर शुरुआत देना है बल्कि अभिभावकों और समुदाय को भी इस प्रक्रिया से जोड़ना है ताकि लोग खुद आगे आएं और बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने में मदद करें।
आंगन बाड़ी केंद्र होंगे बेहतर
सरकार पहले ही तय कर चुकी है कि अब प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-प्राइमरी शिक्षा के लिए बालवाटिका कक्षाएं बनाया जाएगा। इसके तहत समग्र शिक्षा अभियान और बेसिक शिक्षा विभाग मिलकर इन केंद्रों को बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं।
बयान के मुताबिक, इस पहल के जरिए न सिर्फ बच्चों के लिए बेहतर पढ़ाई का माहौल तैयार किया जाएगा, बल्कि उन्हें सीखने के लिए जरूरी संसाधन भी मुहैया कराए जाएंगे। बच्चों की उम्र को ध्यान में रखते हुए कक्षा का माहौल ऐसा बनाया जाएगा कि वे खेल-खेल में चीजें सीख सकें।
समाज को जोड़ा जाएगा
अभियान का एक बड़ा उद्देश्य अभिभावकों और समाज को जागरूक करना भी है। वे अपने 3 से 6 साल के बच्चों का समय रहते बालवाटिका में दाखिला कराएं। सरकार चाहती है कि समुदाय खुद इस पहल का हिस्सा बने, ताकि बच्चों की शिक्षा की नींव मजबूत हो सके।
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