हरियाणा चुनाव से पहले दुष्यंत चौटाला कांग्रेस का थामेंगे हाथ?
हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मैं आपको लिखित में आश्वासन देता हूं कि मैं भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा। इसके अलावा जब उनसे 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी हार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि वह इसे संकट के रूप में नहीं लेते हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हाल ही में चुनाव आयोग ने किया था। राज्य में 90 सीटें हैं, जिन पर एक ही चरण में 1 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे। ऐसे में पार्टियों ने कमर कसनी शुरू कर दी है। इस बीच जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने एक तरफ कांग्रेस पर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने अपनी पार्टी को मजबूत बताया।
हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मैं आपको लिखित में आश्वासन देता हूं कि मैं भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा। इसके अलावा जब उनसे 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी हार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि वह इसे संकट के रूप में नहीं लेते हैं। उनका मानना है कि जो होना था वह हो गया। अब मैं इसे अवसर के रूप में लेता हूं। पिछली बार भी हमारी पार्टी किंगमेकर थी और आने वाले समय में आप देखेंगे कि जेजेपी हरियाणा के लिए सबसे महत्वपूर्ण पार्टी होगी।
हुड्डा को बताया भ्रष्टाचार का जिम्मेदार
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद JJP के 10 विधायकों के समर्थन से बीजेपी ने सरकार बनाई थी, हालांकि, इस बार लोकसभा चुनाव में जेजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई और पार्टी को सिर्फ 0.87 फीसदी वोट मिले। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी हमला बोला और कहा कि हरियाणा में जो भी भ्रष्टाचार है, वह सब हुड्डा की वजह से है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज जो भ्रष्टाचार हो रहा है, उसके लिए हमें हुड्डा का शुक्रिया अदा करना चाहिए।
INDIA गठबंधन का बनेंगे हिस्सा?
एक तरफ उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा पर कटाक्ष किया। वहीं जब उनसे 'भारत' गठबंधन को लेकर पूछा गया कि क्या वे भारत गठबंधन का हिस्सा होंगे तो उन्होंने कहा कि देखते हैं, अगर हमारे पास नंबर है तो जरूर और अगर हमारी पार्टी को सही दर्जा दिया जाता है तो क्यों नहीं। वहीं जब उनसे एनडीए गठबंधन के साथ काम करने के अनुभव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे हर परिस्थिति में एनडीए के साथ खड़े रहे हैं। यहां तक कि पहलवानों और किसानों के मुद्दे के बावजूद भी उन्होंने अपना स्टैंड नहीं बदला। लेकिन अगर सम्मान नहीं देंगे तो आश्वासन कौन देगा?
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