पार्टी से क्यों नाराज हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी ?
मनीष तिवारी ने कहा अगर तुम मेरी चुप्पी नहीं समझ सकते, तो मेरी बातों को कभी नहीं समझ पाओगे।
संसद का मानसून सत्र चल रहा है इस दौरान सदन में पहलगाम हमले के बाद सेना द्वारा किया गया ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है जिसमें कि सरकार और विपक्ष अपना-अपना पक्ष रख रही है।
हालांकि कांग्रेस नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी को संसद में "ऑपरेशन सिंदूर" पर चर्चा के दौरान बोलने का मौका नहीं दिया गया जिससे वह अपनी ही पार्टी से नाराज हो गए।
बता दें कि कांग्रेस नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले डेलिगेशन का हिस्सा थे और इस ऑपरेशन के समर्थन में खुले तौर पर बोल चुके थे। जबकि कांग्रेस चाहती थी कि संसद में पार्टी की लाइन (सरकार की आलोचना) पर ही बातें हों। पार्टी को आशंका थी कि दोनों नेता संसद में भी सरकार के पक्ष में बोल सकते हैं, जिससे पार्टी की रणनीति कमजोर हो सकती है।
मनीष तिवारी ने सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जताई और सोशल मीडिया पर गाने ("है प्रीत जहां की रीत सदा...") के जरिए संकेत दिया कि वे देशहित में बोलने से पीछे नहीं हटेंगे, भले ही उन्हें पार्टी मंच पर बोलने से रोका गया हो। मनीष तिवारी ने आगे कहा कि अंग्रेजी में एक कहावत है, If you don't understand my silences, you will never understand my words. यानी अगर तुम मेरी चुप्पी नहीं समझ सकते, तो मेरी बातों को कभी नहीं समझ पाओगे।
What's Your Reaction?