क्या है अंसार ग्रुप, जो है बांग्लादेशी छात्रों का नया टारगेट? पाकिस्तान से है कनेक्शन
बांग्लादेश अंसार और ग्राम रक्षा बल को अंसार वाहिनी या अंसार वीडीपी के नाम से भी जाना जाता है। यह बल गृह मंत्रालय के अधीन है। अंसार ग्रुप पर देश में आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है।
शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद भी बांग्लादेश के छात्रों में गुस्सा है। इस बार उनके निशाने पर देश का अर्धसैनिक बल अंसार ग्रुप है। ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक 25 अगस्त को राजधानी में छात्रों के एक समूह और अंसार ग्रुप के बीच झड़प हो गई, जिसमें 50 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। आइए जानते हैं कि यह अंसार ग्रुप क्या है और लोग इसके खिलाफ क्यों हैं।
बांग्लादेश अंसार और ग्राम रक्षा बल को अंसार वाहिनी या अंसार वीडीपी के नाम से भी जाना जाता है। यह बल गृह मंत्रालय के अधीन है। अंसार ग्रुप पर देश में आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है।
करता क्या है अंसार ग्रुप?
अंसार शब्द अरबी मूल का है। इसका अर्थ है "स्वयंसेवक" या "सहायक"। बांग्लादेश के इस बल में लगभग 6 लाख सदस्य हैं, जो तीन मुख्य समूहों में विभाजित हैं - अंसार बल, बटालियन अंसार और ग्राम रक्षा दल (वीडीपी)। बांग्लादेश अंसार और ग्राम रक्षा दल देश का सबसे बड़ा समुदाय-आधारित अनुशासित बल है। इसका नेतृत्व एक महानिदेशक करता है, जो ढाका स्थित बांग्लादेश अंसार मुख्यालय में बैठता है।
अंसार फोर्स की वेबसाइट के अनुसार, समूह का कार्य समृद्ध और सुरक्षित राज्य के लिए पूरे देश में शांति, व्यवस्था, विकास और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, बल को देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने, सार्वजनिक सुरक्षा और प्राकृतिक आपदा में मदद करने और सरकार के आदेश पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी भी दी गई है।
अंसार फोर्स का इतिहास, पाकिस्तान ने क्यों किया था बैन
अंसार फोर्स की स्थापना 12 फरवरी 1948 को हुई थी। ब्रिटिश राज के दौरान इसका नाम 'होम गार्ड' था। पूर्वी पाकिस्तान बनने के बाद इसका नाम बदलकर अंसार फोर्स कर दिया गया। उस समय पुलिस थानों और पुलिसकर्मियों की संख्या बहुत सीमित थी। ऐसे में अंसार फोर्स देश के दूरदराज के इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने का काम करती थी। 1965 के युद्ध में इस बल को भारत-पाकिस्तान सीमा चौकियों पर तैनात किया गया था।
1971 के दौरान बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में बड़ी संख्या में अंसार और अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। इस वजह से पाकिस्तान ने संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया और कई अंसारों को मार भी डाला। एक आंकड़े के मुताबिक, मुक्ति संग्राम में 40 हजार अंसारों ने हिस्सा लिया था। इनमें से 9 अधिकारियों और 661 सदस्यों समेत कुल 670 शहीद हुए थे। आजादी के बाद राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान ने अंसार के युद्ध नायकों को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया था। बांग्लादेश की पहली अनंतिम सरकार के शपथ ग्रहण के बाद प्लाटून कमांडर याद अली के नेतृत्व में 12 अंसार सदस्यों ने तत्कालीन कार्यवाहक राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
अंसार फोर्स और छात्र में भिड़ंत क्यों हो रही है?
अंसार के सदस्य अपने वेतन को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अंसार बल में नियम है कि लगातार तीन साल काम करने के बाद सदस्य को 6 महीने की अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया जाता है। इस दौरान अंसार के सदस्यों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें कोई भुगतान नहीं मिलता। अंसार के सदस्य और अधिकारी नौकरियों के राष्ट्रीयकरण की मांग कर रहे हैं।
छात्र नेताओं का दावा है कि सरकार के आश्वासन के बावजूद अंसार के सदस्यों ने सचिवालय की नाकेबंदी खत्म नहीं की है। अंतरिम सरकार के सलाहकार और छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने दावा किया कि अंसार के सदस्य एक साजिश का हिस्सा हैं और देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। इन सबके बीच रविवार को छात्रों और अंसार के सदस्यों के बीच झड़प हो गई।
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