हम बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध, हमारा संकल्प ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ का है: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘यह देश आजादी के बाद उन परिस्थितियों में दशकों तक रहा, जब यह कहा जाता था कि होता है, चलता है... देश में यथास्थिति का एक माहौल बन गया था... लोग कहते थे कि कुछ होने वाला नहीं है। हमें इस मानसिकता को तोड़ना था और हमने तोड़ा ।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश में बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह राजनीतिक गुणा-भाग से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ के संकल्प के साथ कदम उठाती है।
उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों के दौरान उठाए गए कदमों तथा प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ‘यथास्थिति’ वाली मानसिकता को खत्म किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘यह देश आजादी के बाद उन परिस्थितियों में दशकों तक रहा, जब यह कहा जाता था कि होता है, चलता है... देश में यथास्थिति का एक माहौल बन गया था... लोग कहते थे कि कुछ होने वाला नहीं है। हमें इस मानसिकता को तोड़ना था और हमने तोड़ा ।’’
मोदी ने कहा, ‘‘देश का सामान्य नागरिक बदलाव चाहता था... हमने बड़े सुधार किए हैं। सुधारों को लेकर हमारी प्रतिबद्धता चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं है, किसी मजबूरी में नहीं है बल्कि देश को मजबूती देने के इरादे से है।’’
उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘‘हम जो कुछ भी करते हैं वह राजनीतिक गुण-भाग के बारे में सोचकर नहीं करते.... ‘राष्ट्र हित सर्वोपरि’, हमारा राष्ट्र महान बने, हम इस संकल्प को लेकर कदम उठाते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने शासन के मॉडल को बदला है। आज सरकार लाभार्थी के घर खुद पहुंचती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं, वे हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं, हमारे नौजवानों का हौसला है, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है।’’
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