वक्फ बिल का किसी भी धार्मिक स्थल के प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं- किरेन रिजिजू
अनुसूचित जनजाति के लोगों की संपत्तियों को वक्फ होने से बचाने के लिए शिड्यूल-5 और शिड्यूल-6 में आने वाली संपत्तियों को वक्फ नहीं किया जा सकता है।

आज लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया। इस बिल के पेश होने के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगाने में जुट गया जिसके बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने संबोधन के दौरान यह साफ़ करते हुए कहा कि इस बिल के जरिए सरकार किसी भी धार्मिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बिल का मंदिर या मस्जिद या किसी भी धार्मिक स्थल के प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित है, न कि मस्जिद या धार्मिक क्रियाकलापों से जुड़ा है। सरकार किसी भी मस्जिद के संचालन में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य: अब वक्फ बोर्ड में विषय विशेषज्ञ के रूप में चार गैर मुस्लिम सदस्य भी होंगे, जिनमें दो महिलाएं शामिल होंगी।
संपत्ति का वक्फ में दान: कम से कम पांच साल तक इस्लाम का पालन करने वाला व्यक्ति ही अपनी संपत्ति वक्फ को दान कर सकता है।
अनुसूचित जनजाति की संपत्तियों का संरक्षण: अनुसूचित जनजाति के लोगों की संपत्तियों को वक्फ होने से बचाने के लिए शिड्यूल-5 और शिड्यूल-6 में आने वाली संपत्तियों को वक्फ नहीं किया जा सकता है।
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