हरियाणा में भाजपा को अकेले चलने का मंत्र देने वाले अनिल विज और रामबिलास की जोड़ी आज भी सुपरहिट

भाजपा को अगर हरियाणा मे अकेले चलने की प्रथा डालने की अहम भूमिका है तो वह रामबिलास शर्मा और अनिल विज की है क्योंकि जब यह लोग कहते थे कि भाजपा अकले अपने दम पर सरकार बना सकती है, तो लोग उस पर यकीन नहीं करते थे।

Jan 10, 2025 - 10:22
Jan 10, 2025 - 11:03
 22
हरियाणा में भाजपा को अकेले चलने का मंत्र देने वाले अनिल विज और रामबिलास की जोड़ी आज भी सुपरहिट
Advertisement
Advertisement

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हरियाणा के दबंग मंत्री अनिल विज तथा पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा सगे भाइयों की तरह पिछले 40 साल से इकट्ठे समाज और राजनीति में नजर आते हैं। हाल ही में गुरुग्राम गए अनिल विज उनसे मिलने के लिए उनके निवास पर पहुंच गए और रामबिलास शर्मा ने जिस अंदाज में उन्हें गले लगाकर उनका स्वागत किया प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वह एक अदभूत दृश्य था। हरियाणा में भाजपा को अकेले चलने का मंत्र देने वाले रामबिलास और अनिल विज की जोड़ी आज भी सुपरहिट है।

हरियाणा के भीतर भाजपा भले ही 2014 से सत्ता में हो तथा रामबिलास शर्मा व अनिल विज 2014 से 2019 मनोहर पार्ट-1 में मंत्री रहे हो, लेकिन इनकी दोस्ती पिछले 4 दशक से चली आ रही है। हर सुख-दुख में पारिवारिक नाता किसी से छिपा हुआ नहीं है। बीजेपी के दिग्गज नेताओं तथा शेर ए हरियाणा की उपाधि से जाने जाने वाले हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री जनसंघ के तथा भाजपा के हरियाणा के प्रधान रहे डॉ. मंगल सैन के दो प्रमुख करीबी लोगों में से रामबिलास शर्मा और अनिल विज का नाम आज भी लिया जाता है। स्वर्गीय डॉ. मंगल सैन की विचारधारा से प्रभावित अनिल विज और रामबिलास शर्मा हरियाणा में भाजपा की उस राजनीति के प्रत्यक्षदर्शी है,जिन्होंने जनसंघ, भाजपा के हरियाणा के उस दौर को देखा जब मात्र एक या दो विधायक हुआ करते थे। बीजेपी जो अतीत में लोकदल, इनेलो, हरियाणा विकास पार्टी, हजकां के साथ गठबंधन का इतिहास रखती है, को अपने दम पर चुनाव लड़वाने का दम भरने वाले रामबिलास व अनिल विज ही रहे हैं। रामबिलास व अनिल विज की दोस्ती शोले के जय और वीरू की जोड़ी से हरियाणा में कम नहीं आंकी जाती। रामबिलास शर्मा भले ही 2019 तथा 2014 के चुनाव हार गए हो, लेकिन अनिल विज भाजपा के उन दिग्गजों में से एक है, जिन्होंने रामबिलास का साथ आज भी नहीं छोड़ा। गब्बर, दबंग के उपनामों से जाने जाने वाले अनिल विज अतीत में उनके जो दोस्त रहे उनका दामन अभी तक नहीं छोड़ा है।

हैट्रिक लगाकर सातवीं बार विधायक बने विज
अनिल विज अब तक सातवीं विधायक बने हैं। अनिल विज को 1991 में सातवीं हरियाणा विधानसभा समय से पूर्व भंग हो जाने पर फिर से चुनाव लड़ना पड़ा और जून 1991 में अनिल विज भाजपा की टिकट पर यहां विजय रहे थे। बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में उस समय के हालात के अनुसार अनिल विज को भाजपा से किनारा करना पड़ा और एक अप्रैल 1996 तथा फऱवरी 2000 में हुए दो विधानसभा चुनावों में निर्दलीय के रूप में अंबाला कैंट से विधायक बने। 2005 में विधानसभा के आम चुनाव में अनिल विज 615 वोट से अपनी हैट्रिक बनाने से चूक गए। 2007 में उन्होंने विकास परिषद के नाम से अपनी एक अलग राजनीतिक पार्टी भारतीय चुनाव आयोग से पंजीकृत करवाई। 2009 में हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव से पहले भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उन पर फिर से भरोसा जताया गया और उन्हें भाजपा की टिकट दी गई। विज 2009, 2014, 2019 में लगातार तीन बार विधायक बने और अपनी हैट्रिक लगाई। अब 2024 में विज ने अंबाला कैंट से लगातार चौथी बार और कुल सातवीं बार जीत दर्ज की है।

रामबिलास के नेतृत्व में बनी थी बीजेपी की पहली सरकार
साल 1977, रामबिलास शर्मा ने अपना पहला चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गए। 1982 में वे बीजेपी के टिकट पर महेंद्रगढ़ सीट से लड़े। करीब 8 हजार वोट से वे चुनाव जीत गए। तब बीजेपी का लोकदल के साथ गठबंधन था। बीजेपी को 6 सीटें मिलीं और लोकदल को 31 सीटें। 1987 विधानसभा चुनाव में भी रामबिलास शर्मा को जीत मिली। इस बार उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को 27 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। चार साल बाद यानी 1991 में शर्मा को बीजेपी ने हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। पांच साल बाद यानी, 1996 में बीजेपी ने बंसीलाल की पार्टी हरियाणा विकास पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया। 25 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी ने 11 सीटें जीत लीं। रामबिलास शर्मा शिक्षा मंत्री बने। 2000 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में रामबिलास शर्मा बल्लभगढ़ सीट से उतरे। साल 2013, रामबिलास शर्मा को एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। एक साल बाद 2014 में विधानसभा चुनाव हुए। इस बार बीजेपी ने कोई गठबंधन नहीं किया और सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। बीजेपी ने 47 सीटें जीत लीं। 2014 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा ने हरियाणा में अपने दम पर पहली बार सरकार बनाई, तब रामबिलास शर्मा ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा गया था। 1982 में महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से प्रो. रामबिलास शर्मा ने पहली बार कमल खिलाया था।

दोनों की आरएसएस की पृष्ठभूमि
भाजपा को अगर हरियाणा मे अकेले चलने की प्रथा डालने की अहम भूमिका है तो वह रामबिलास शर्मा और अनिल विज की है क्योंकि जब यह लोग कहते थे कि भाजपा अकले अपने दम पर सरकार बना सकती है, तो लोग उस पर यकीन नहीं करते थे। यह उस समय प्रमाणित हुआ जब 2014 में भाजपा अपने दम पर सरकार बनकर आई। दोनों आरएसएस की पृष्ठभूमि है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

MH One News As a passionate news reporter, I am driven by an insatiable curiosity and an unwavering commitment to truth. With a keen eye for detail and a relentless pursuit of stories, I strive to deliver timely and accurate information that empowers and engages readers.