बांग्लादेश में हिंसा के कारण भारतीय छात्रों का पलायन लगातार जारी, असम के करीब 120 छात्र और त्रिपुरा के 379 छात्र लौटे स्वदेश
लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एलपीएआई), अगरतला के प्रबंधक देबाशीष नंदी ने बताया, ‘‘हमारे प्रतिष्ठान रविवार को छात्रों सहित उन सभी लोगों के लिए खुले हैं, जो घर लौटना चाहते हैं। बांग्लादेश में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए आईसीपी अगरतला रात 11 बजे तक खुला रहता है।’’
पड़ोसी देश बांग्लादेश में पिछले कुछ दिन से जारी हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर असम के करीब 120 छात्र तथा त्रिपुरा के 379 छात्र वहां से लौट आये। वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
असम के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अजय तिवारी ने को बताया कि असम के छात्र अब तक करीमगंज जिले के सुतारकंडी और मेघालय के दावकी में एकीकृत जांच चौकियों के रास्ते भारत में प्रवेश कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर में छात्र एवं अन्य लोग असम, मेघालय और त्रिपुरा में एकीकृत जांच चौकियों (आईसीपी) के रास्ते भारत में प्रवेश कर रहे हैं। शनिवार रात तक असम के 76 छात्र दावकी से और 41 छात्र सुतारकंडी से भारत में प्रवेश कर चुके हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि बराक घाटी के छात्र ज़्यादातर सुतारकंडी के रास्ते आ रहे हैं, जबकि ब्रह्मपुत्र घाटी के छात्र दावकी की ओर से आ रहे हैं।
तिवारी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में और छात्रों के आने की उम्मीद है और असम सरकार ने उनके भारत में प्रवेश को आसान बनाने के लिए सुतारकंडी में एक मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को तैनात किया है।
दूसरी तरफ, सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले 48 घंटों में हिंसा प्रभावित बांग्लादेश से त्रिपुरा के कुल 379 छात्र श्रीमंतपुर और अखौरा जांच चौकियों के रास्ते भारत में प्रवेश कर गये हैं।’’
उन्होंने बताया कि जो छात्र बांग्लादेश की राजधानी ढाका और ब्राह्मणबारिया में फंसे हैं उनके रविवार को वापस आने की उम्मीद है ।
लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एलपीएआई), अगरतला के प्रबंधक देबाशीष नंदी ने बताया, ‘‘हमारे प्रतिष्ठान रविवार को छात्रों सहित उन सभी लोगों के लिए खुले हैं, जो घर लौटना चाहते हैं। बांग्लादेश में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए आईसीपी अगरतला रात 11 बजे तक खुला रहता है।’’
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में बदलाव की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण देश की राजधानी ढाका तथा अन्य स्थानों पर हिंसा बढ़ गई है।
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