सिडनी आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या बढ़ी, यहूदी त्योहार पर फायरिंग में लगभग 16 लोगों की मौत
मृतकों में एक 10 साल की मासूम बच्ची और एक इजराइली नागरिक भी शामिल है। कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें सिडनी के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रविवार को बॉन्डी बीच पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस भीषण गोलीबारी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है, जबकि 45 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों में एक 10 साल की मासूम बच्ची और एक इजराइली नागरिक भी शामिल है। कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें सिडनी के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बाप-बेटे ने की गोलीबारी, पाकिस्तानी मूल होने का शक
पुलिस के मुताबिक, इस हमले को अंजाम देने वाले हमलावर पिता-पुत्र थे। यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दोनों के पाकिस्तानी मूल के होने का शक है, हालांकि ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने इस संबंध में आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
एनएसडब्ल्यू (न्यू साउथ वेल्स) पुलिस के अनुसार, 50 वर्षीय साजिद अकरम और उसका 24 वर्षीय बेटा नवीद अकरम रविवार को बॉन्डी बीच पहुंचे और अचानक भीड़ पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। मौके पर मौजूद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए साजिद अकरम को गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, नवीद अकरम को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
लाइसेंसी हथियार से की गई फायरिंग
पुलिस जांच में सामने आया है कि साजिद अकरम के पास कानूनी रूप से हथियार रखने का लाइसेंस था। एनएसडब्ल्यू पुलिस कमिश्नर मल लैनयन ने बताया कि साजिद एक गन क्लब का सदस्य था और उसके पास राज्य के कानून के तहत कुल छह बंदूकें थीं। इन हथियारों का इस्तेमाल वह शिकार के लिए करता था।
हमले के दिन बाप-बेटे ने अपने परिवार से कहा था कि वे मछलियां पकड़ने जा रहे हैं। साजिद अकरम अपने परिवार के साथ एक किराए के मकान में रहता था।
नेतन्याहू का आरोप: ऑस्ट्रेलियाई नीतियां जिम्मेदार
इस हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार की नीतियों पर कड़ा हमला बोला है। नेतन्याहू ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया सरकार की नीतियों ने देश में यहूदी-विरोधी (एंटीसेमिटिक) भावना को बढ़ावा दिया है, जिसका नतीजा इस तरह के आतंकी हमलों के रूप में सामने आ रहा है।
नेतन्याहू के मुताबिक, उन्होंने पहले ही ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को इस खतरे को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने बताया कि 17 अगस्त 2025 को उन्होंने अल्बनीज को पत्र लिखकर आगाह किया था कि सरकार की नीतियां “आग में घी डालने” जैसा काम कर रही हैं, लेकिन उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता पर विवाद
नेतन्याहू ने विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें अगस्त–सितंबर 2025 के दौरान संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राज्य को औपचारिक मान्यता देने की बात कही गई थी। उनका कहना है कि इस कदम से आतंकियों का हौसला बढ़ता है और ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों के खिलाफ नफरत को बढ़ावा मिलता है।
इसके अलावा, नेतन्याहू ने आरोप लगाया कि अक्टूबर 2023 से जारी गाजा युद्ध के बाद ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोधी घटनाओं में तेज़ी से इजाफा हुआ, लेकिन सरकार ने इन्हें रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए। उन्होंने इसे सरकार की “कमजोर नीति” करार दिया।
सुरक्षा बढ़ाई गई, जांच जारी
बॉन्डी बीच हमले के बाद सिडनी और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रमुख पर्यटन स्थलों, समुद्र तटों और यहूदी समुदाय से जुड़े इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस हमले के पीछे की मंशा, संभावित आतंकी नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की गहन जांच कर रही हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़ितों को हर संभव मदद दी जाएगी।
बॉन्डी बीच पर हुआ यह हमला न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति और नीतियों के प्रभाव को लेकर भी एक नई बहस छेड़ देता है।
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