दिल्ली के उपराज्यपाल ने अधिकारियों को कश्मीरी गेट बस अड्डे के ‘पूर्ण कायाकल्प’ का निर्देश दिया
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शनिवार को कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस अड्डे (आईएसबीटी) का निरीक्षण किया और अधिकारियों को इसके “पूर्ण कायाकल्प” तथा क्षेत्र में भारी भीड़भाड़ को कम करने के निर्देश दिए। उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सक्सेना रानी झांसी रोड पर भी गए और अधिकारियों से अतिक्रमण हटाने तथा फुटपाथों और केंद्रीय चौकियों की “दयनीय” स्थिति में सुधार करने का अनुरोध किया।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शनिवार को कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस अड्डे (आईएसबीटी) का निरीक्षण किया और अधिकारियों को इसके “पूर्ण कायाकल्प” तथा क्षेत्र में भारी भीड़भाड़ को कम करने के निर्देश दिए। उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सक्सेना रानी झांसी रोड पर भी गए और अधिकारियों से अतिक्रमण हटाने तथा फुटपाथों और केंद्रीय चौकियों की “दयनीय” स्थिति में सुधार करने का अनुरोध किया।
निरीक्षण के दौरान उपराज्यपाल को आईएसबीटी के बाहर भारी भीड़ का सामना करना पड़ा, क्योंकि बस अड्डे के अंदर बस स्टैंड से अंतरराज्यीय बसों को आने-जाने (टर्नअराउंड) में 45 मिनट से लेकर एक घंटे तक का समय लग रहा था। उन्हें बताया गया कि अंतरराज्यीय बस के लिए आने-जाने का न्यूनतम समय 45-60 मिनट है, जिसके कारण बसें आईएसबीटी के बाहर आसपास की सड़कों पर खड़ी रहती हैं, जिससे यातायात जाम हो जाता है।
बयान में कहा गया, “सक्सेना ने परिवहन आयुक्त और डीटीसी को अंतरराज्यीय बसों के लिए इस समय को घटाकर 30 मिनट करने का निर्देश दिया, जिससे बसों का परिचालन 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ जाएगा।” वर्तमान में, कश्मीरी गेट आईएसबीटी 60 प्लेटफॉर्म से 2,600 से अधिक बसों की आवाजाही सुनिश्चित करता है, जिसमें लगभग 1,300 अंतर-राज्यीय बसें, 1,200 डीटीसी और क्लस्टर बसें तथा लगभग सौ अखिल भारतीय पर्यटक परमिट बसें शामिल हैं।
इसमें कहा गया, “आने-जाने की इस अवधि को घटाकर 30 मिनट कर दिए जाने से, आईएसबीटी, कश्मीरी गेट प्रतिदिन 1900 से अधिक अंतर-राज्यीय बसों को संभालने में सक्षम हो जाएगा, जो वर्तमान में 1300 है।” उपराज्यपाल ने बस अड्डे के रखरखाव, साफ-सफाई तथा अनधिकृत विक्रेताओं द्वारा मार्गों पर अतिक्रमण की खराब स्थिति को देखते हुए असंतोष व्यक्त किया तथा अधिकारियों को बस टर्मिनल का पूर्ण कायाकल्प करने का निर्देश दिया।
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