मौनी अमावस्या पर इतने करोड़ श्रद्धालु लगा सकते हैं आस्था की डुबकी, प्रशासन ने तेज की तैयारी
यूपी सरकार ने 29 जनवरी को महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के लिए 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया है। जिसके बाद तैयारियां की जा रही हैं।

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान सकुशल संपन्न हो गया। इस दिन 3.5 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई, जिसके बाद अब प्रशासन मौनी अमावस्या के स्नान की तैयारियों में जुट गया है। यूपी सरकार ने 29 जनवरी को महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के लिए 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया है। जिसके बाद तैयारियां की जा रही हैं।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान का विशेष महत्व है। इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है। ऐसे में संगम नगरी में रिकॉर्ड दस करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए मेला प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। ट्रैफिक प्लान और भीड़ को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिए काम किया जा रहा है। मेला प्रशासन को विभिन्न सेक्टरों में बांटकर श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मौनी अमावस्या को लेकर यूपी सरकार ने दिए निर्देश
वैसे तो मकर संक्रांति से शुरू होने वाले सभी दिनों में पवित्र जल में डुबकी लगाना पवित्र माना जाता है, फिर भी कुछ विशेष शुभ स्नान तिथियां हैं, जिन्हें 'अमृत स्नान' के नाम से जाना जाता है। कुंभ में अमृत स्नान सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर पूरा हुआ, जिसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या आ रही है। जो महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान होगा। इसके अलावा 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्नान महत्वपूर्ण है।
यूपी सरकार की ओर से सभी अपर जिला मजिस्ट्रेट, अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी, उपजिलाधिकारी और सेक्टर मजिस्ट्रेट को अपने-अपने क्षेत्राधिकार में व्यवस्था बनाए रखने के लिए निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। श्रद्धालुओं के स्नान के लिए 12 किलोमीटर लंबा घाट तैयार किया गया है। घाटों पर भीड़भाड़ को रोकने के लिए निकासी दल तैनात किए जाएंगे।
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