पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख को किया सस्पेंड
इस प्रशासनिक फेरबदल को लेकर उम्मीद की जा रही है कि पंजाब सरकार आने वाले समय में और भी सख्त कदम उठाएगी।

पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी शून्य सहनशीलता नीति के तहत महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख वरिंदर कुमार को पद से हटा दिया है। इसके साथ ही, श्री मुक्तसर साहिब के उपायुक्त (डीसी) राजेश त्रिपाठी को भी निलंबित किया गया है। यह कार्रवाई 17 फरवरी 2025 को की गई और इसे राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है।
वरिंदर कुमार का निलंबन: वरिंदर कुमार, जो कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख थे, को उनके पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राजेश त्रिपाठी का निलंबन: श्री मुक्तसर साहिब के डीसी राजेश त्रिपाठी को भ्रष्टाचार की कई शिकायतों के आधार पर निलंबित किया गया। त्रिपाठी 2016 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उन्हें 2024 में इस पद पर नियुक्त किया गया था।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई: पंजाब सरकार ने सभी विभागों के प्रमुखों, डीसी और एसएसपी को आदेश दिया था कि किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संदर्भ में सतर्कता ब्यूरो को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करें।
इस प्रशासनिक फेरबदल को लेकर उम्मीद की जा रही है कि पंजाब सरकार आने वाले समय में और भी सख्त कदम उठाएगी। नए विजिलेंस प्रमुख नागेश्वर राव से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए नई रणनीतियों का कार्यान्वयन करेंगे।
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