प्रधानमंत्री मोदी ने अजमेर दरगाह पर भेजी खास चादर, 1947 से चली आ रही परंपरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अजमेर शरीफ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर विशेष चादर भेजी है, जो भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक सद्भाव की एक महत्वपूर्ण परंपरा का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अजमेर शरीफ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर विशेष चादर भेजी है, जो भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक सद्भाव की एक महत्वपूर्ण परंपरा का हिस्सा है। यह परंपरा 1947 से चल रही है और प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से यह कदम भारतीय विविधता और समृद्ध आध्यात्मिक धरोहर के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा को दर्शाता है।
चादर भेजने की परंपरा
हर साल की तरह इस वर्ष भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर भेजने की परंपरा को जारी रखा। गुरुवार को उन्होंने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को चादर सौंप दी, जिन्हें यह चादर सबसे पहले निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर लेकर जाना था, और फिर इसे अजमेर भेजा गया।
सूफी फाउंडेशन के प्रमुख हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने इस परंपरा का जिक्र करते हुए बताया कि यह परंपरा 1947 से चली आ रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा यह 11वीं बार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम धार्मिक सद्भाव और भारतीय समाज के एकजुटता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
पीएम मोदी की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर अपने संदेश में कहा, "ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर अभिवादन। यह अवसर सभी के जीवन में खुशहाली और शांति लाए।" उन्होंने चादर भेंट करने की तस्वीर शेयर करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी नेता जमाल सिद्दीकी को बधाई दी और इस कदम को भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का सम्मान बताया।
चादर चढ़ाने की विशेषताख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का उर्स हर साल एक विशेष धार्मिक आयोजन होता है, जिसमें देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु अजमेर शरीफ पहुंचते हैं। यह चादर दरगाह पर श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक मानी जाती है। श्रद्धालु इस चादर को चढ़ाकर अपनी मन्नतें मांगते हैं और ख्वाजा गरीब नवाज से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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