राष्ट्रपति ने दिया व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को बनाए रखने का संदेश, हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष भी हुए शामिल
मानव अधिकार दिवस के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम का आय़ोजन किया गया। कार्यक्रम के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मौलिक अधिकारों को बनाए रखने और सबकों साथ लेकर चलने का संदेश दिया।
चंद्रशेखर धरणी: मानव अधिकार दिवस के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम का आय़ोजन किया गया। कार्यक्रम के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मौलिक अधिकारों को बनाए रखने और सबकों साथ लेकर चलने का संदेश दिया। इस दौरान हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा और आयोग के सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया भी कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद हरियाणा मानवाधिकर आयोग के सदस्य दीप भाटिया ने बताया कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की ओर से हर साल 10 दिसंबर को “मानव अधिकार दिवस” पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
दीप भाटिया ने बताया कि हरियाणा में हुई मानवाधिकार आयोग की नियुक्तियों के बाद अब प्रदेश में अपनी आवाज नहीं उठा पाने वाले व्यक्तियों को भी न्याय मिलने की आस बंधी है। मानवाधिकार आयोग ऐसे लोगों के लिए जीवन रेखा का काम करता है, जिनकी कहीं पर कोई सुनवाई नहीं होती। हरियाणा में तीसरी बार मानवाधिकार आयोग का गठन हुआ है। हरियाणा मानवाधिकार आयोग किस प्रकार से कार्य करता है और उसके पास क्या-क्या अधिकार है ? इसे लेकर हमने आयोग के सदस्य दीप भाटिया से खास बातचीत की।
लगातार दूसरी बार हरियाणा मानवाधिकार आयोग के सदस्य बने दीप भाटिया ने बताया कि मानवाधिकार आयोग ऐसे लोगों के लिए जीवन रेखा का कार्य करता है, जिनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही होती। आयोग की ओर से हरियाणा के जिन नागरिकों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही होती, उनकी आवाज संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा निचली कोर्ट से शुरूआत करके हाईकोर्ट के न्यायधीश रह चुके हैं। इसलिए उन्हें हर मामले में जमीनी हकीकत की पूरी जानकारी है। इसी प्रकार से दूसरे सदस्य कुलदीप जैन भी न्यायिक सेवा में लंबे समय तक सेवा दे चुके हैं।
मानवाधिकार आयोग के सदस्य दीप भाटिया ने बताया कि आयोग के पास किसी भी विभाग या व्यक्ति पर जर्माना लगाने के साथ ही कई प्रकार की न्यायिक शक्तियां भी हैं। इनमें सबसे अहम है कि आयोग की ओर से जब भी सरकार को किसी प्रकार की कार्रवाई के लिए सिफारिश या अनुशंसा की जाती है, सरकार की ओर से भी उस पर अपने विवेक के अनुसार कार्रवाई की जाती है, जोकि बहुत अहम है। मानवाधिकार आयोग की ओर से आम जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए जल्द ही कार्यक्रम की रुपरेखा बनाई जाएगी।
What's Your Reaction?